नरेंद्र मोदी ऐप के ज़रिये डेटा ब्रीच का लगाया आरोप

नई दिल्ली: फेसबुक डेटा चोरी की खबरों के बीच राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर नरेंद्र मोदी ऐप के ज़रिये से डेटा ब्रीच का आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया "मेरा नाम नरेंद्र मोदी है. मै भारत का प्रधानमंत्री हूं. जब आप मेरे ऑफिशियल ऐप पर साइन अप करते हैं तो मैं आपका सारा डेटा मेरे मित्र अमेरिकन कंपनी को दे देता हूं."

राहुल गांधी ने ये बात फ्रेंच रिसर्चर इलियट एल्डरसन के हवाले से कही, जिन्होंने आरोप लगाया था कि जिन लोगों नें भी नरेंद्र मोदी ऐप को डाउनलोड किया उनसे जुड़ी सूचना को बिना यूज़र की स्वीकृति के यूएस की कंपनी "क्लीवर टैप" को दे दिया जाता है.

वहीं राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा, 'मैंने अमेरिका के वीजा फॉर्म के लिए 10 पन्नों का दस्तावेज भरा. हमें कोई दिक्कत नहीं कि हमारी उंगलियों के निशान लिए जाए, या गोरों के सामने हमें नग्न कर जांच किया जाए. जब आपकी सरकार आपके नाम-पते पूछती है, तो इसे निजता का हनन बताना बिल्कुल गलत है.'

वहीं बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया गया है. पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस सिर्फ पीएम मोदी से नहीं, बल्कि नमो ऐप से भी डरी हुई है. इसके अलावा बीजेपी की तरफ किए गए ताबड़तोड़ ट्वीट पर कहा गया कि राहुल को टेक्नोलॉजी की बिल्कुल ज्ञान नहीं.

दरअसल बीजेपी और कांग्रेस लगातार एक-दूसरे पर कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाओं का उपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी नें कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने गुजरात चुनावों को प्रभावित करने के लिए ब्रिटिश एनालिटिका की सेवाएं लीं. वहीं कांग्रेस ने इसको खारिज करते हुए कहा कि क्या बीजेपी ब्रिटिश एनालिटिका व भारत में इसकी पार्टनर ओवेलेनो बिज़नेस इंटेलीजेंस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी. वहीं राहुल गांधी ने इस मामले पर कहा कि मोदी सरकार इराक में मारे गए 39 हिन्दुस्तानियों के मामले से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है.

बता दें कि भारत ने कैम्ब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजा है और उन्हें अपने क्लाइंट व डेटा सोर्स का नाम बताने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया है. फर्म के खिलाफ जिस तरही की जांच ब्रिटेन व अमेरिका में हो रही है उसी तरह की जांच भारत में भी हो सकती है.