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हिन्दी भाषा ही नहीं हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है: राज्यपाल

लखनऊ: हिन्दी महामंच के तत्वावधान में आज राजभवन से नैमिषारण्य तक के लिए हिन्दी जागरूकता रथ को झण्डा दिखाकर रवाना किया गया। हिन्दी महामंच द्वारा राष्ट्र एवं समाज हित में हिन्दी के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि इस कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक द्वारा किया जाना था, परन्तु वे आज राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द से व्यक्तिगत भेंट कार्यक्रम हेतु नई दिल्ली में हैं।

राज्यपाल ने दिल्ली से भेजे अपने संदेश में कहा है कि हिन्दी हमारी पहचान है। हिन्दी भाषा ही नहीं हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी है। देश की राष्ट्रीयता और भावनात्मक एकता में हिन्दी का बहुत योगदान है। विश्व में वहीं देश और समाज प्रतिष्ठा का पात्र होता है जिसे अपनी भाषा और संस्कारों पर अभिमान होता है। भाषा राष्ट्र और समाज की आत्मा होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र की संस्कृति और अस्मिता की पहचान उसकी भाषा से होती है।

श्री नाईक ने कहा कि हिन्दी को केवल साहित्य तक सीमित नहीं रखना चाहिए। नई सदी में हिन्दी का आधुनिकीकरण होना भी जरूरी है। इंटरनेट पर हिन्दी की अनेक वेबसाइटें उपलब्ध हैं। इससे भाषा, साहित्य संस्कृति और कला का विशाल बाजार फैलता जा रहा है। इंटरनेट हिन्दी के प्रयोग और विस्तार का अच्छा माध्यम होने के साथ-साथ गैर हिन्दी भाषियों को सरलता से हिन्दी समझने का भी उपयुक्त माध्यम हो सकता है।
हिन्दी जागरूकता रथ के शुभारम्भ पर हिन्दी महामंच के अध्यक्ष श्री ललितकान्त पाण्डेय, मुख्य संरक्षक डाॅ0 वेद प्रताप वैदिक सहित बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी उपस्थित थे।

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