लखनऊ: न्यायालयों में जाने वाले विवादों में 90 प्रतिशत विवाद अपनों के बीच के होते है। व्यक्ति जब अपनों से हार जाता है तो न्याय की आस में वह न्यायलय की शरण में जाता है। उसके हारे हुए मन को कोर्ट के अधिवक्ता हौसला देते हैं। इस प्रकार देखा जाए तो अधिवक्तागण हाताश व्यक्ति के मन में आशा का संचार करते हैं जा कि जीवन के लिए बहुत जरूरी है।

उक्त विचार कानून मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ब्रजेश पाठक ने एमिटी विश्वविद्यालय में शिक्षकों और भविष्य के अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्री पाठक एमिटी ला स्कूल द्वारा क्लाइंट काउसलिंग एण्ड अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

इस अवसर पर उन्होने कहा कि देश में लंबित मुकद्मों का पहाड़ है जिसे तोडने के लिए वर्तमान सरकार हरसंभव यत्न कर रही है। उन्होने कहा कि सरकार के प्रयास से उततर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य हो गया है जहां के प्रत्येक जिले में लोक अदालतों का गठन हो चुका है। इसी प्रकार महिलाओं से संबंधित विवादों के लिए 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट और 110 परिवार अदालतों के गठन पर भी तेजी से कार्य चल रहा है।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि, कार्यशाला का विषय आज के समय में अत्याधिक समसामयिक और प्रासंगिक है। इसके पूर्व निदेशक एमिटी लाॅ स्कूल प्रोफेसर बलराज चैहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।

कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के निदेशक प्रोजेक्टस् एवं एमिटी ला स्कूल के मेंटर श्री नरेश चंद्र सहित शिक्षकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहें।