लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय हाॅल में आज शोआ फातिमा एजुकेशनल एवं चैरिटीबल ट्रस्ट, लखनऊ द्वारा आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने डाॅ0 ज़किया मशहदी को डाॅ0 शमीम निकहत फिक्शन अवार्ड 2018 से सम्मानित करते हुए रूपये 50 हजार की धनराशि, शाॅल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान दिया। इस अवसर पर कुलपति प्रो0 एस0पी0 सिंह, उर्दू अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती आसिफा जमानी, पूर्व मंत्री डाॅ0 अम्मार रिज़वी, ट्रस्ट के प्रबंधक प्रो0 शारिब रूदौलवी, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद के प्रो0 ज़फरूद्दीन, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो0 अतीक उल्लाह, ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री वकार रिजवी, उपाध्यक्ष डाॅ0 याशमीन अंजुम व बड़ी संख्या में उर्दू के विद्वान उपस्थित थे।

राज्यपाल ने प्रो0 शारिब रूदौलवी की पत्नी स्व0 डाॅ0 शमीम निकहत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डाॅ0 शमीम निकहत के पूरी दुनिया में शिष्य हैं। वे अच्छी फिक्शन लेखिका थीं जिन्होंने महिलाओं के दर्द को सदैव समझा और उसे अपनी लेखनी में प्रमुखता से स्थान दिया। राज्यपाल ने प्रो0 ज़किया मशहदी को बधाई देते हुए कहा कि प्रो0 ज़किया को अवार्ड मिला है, मैं उनकी खुशी समझ सकता हूँ क्योंकि मुझे भी वही खुशी मिली थी जब महाराष्ट्र सरकार ने मेरी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ के लिए मुझे सम्मानित किया था। उन्होंने कहा कि वे तीन बार मुंबई से विधायक का चुनाव जीते और पांच बार वहीं से सांसद का चुनाव जीते पर जीवन एक ही बार पुस्तक के लिए पुरस्कार मिला।

श्री नाईक ने कहा कि शिक्षा की सर्वसुलभता तथा शिक्षा की गुणवत्ता का देश के विकास से सीधा संबंध है। महिलाएं शिक्षित होंगी तो प्रदेश की इतनी बड़ी जनशक्ति को प्रदेश के विकास में भागीदारी प्राप्त होगी। समाज में परिवर्तन का चित्र दिख रहा है। वे 28 विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। वर्ष 2016-17 शैक्षणिक सत्र हेतु सम्पन्न दीक्षांत समारोहों में 15 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई हैं जिनमें 51 प्रतिशत छात्राएं हैं। लगभग 66 प्रतिशत छात्राओं को उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक भी दिए गए हैं। समाज में महिला शिक्षा का बदलता चित्र 20 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा आरम्भ की गई ‘सर्व शिक्षा योजना’ तथा वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं’ योजना का परिणाम है। उन्होंने कहा कि समाज को बदलने के लिए बेटियों को शिक्षित करना अत्यन्त आवश्यक है।

इस अवसर पर कुलपति प्रो0 एस0पी0 सिंह, डाॅ0 ज़किया मशहदी, डाॅ0 अतीक उल्लाह, डाॅ0 ज़फरूद्दीन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रो0 शारिब रूदौलवी ने दिया तथा संचालन डाॅ0 अब्बास रज़ा नैय्यर ने किया।