लखनऊ: 25 मार्च को लखनऊ में आयोजित हो रहे आतंकवाद विरोधी " शिया व सूफी सद्भावना सम्मेलन " के संबंध में आज मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी के आवास पर प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इस प्रेसवार्ता में मुख्य खानकाहों के सूफी हज़रात, सज्जादानशीन और शिया उलेमा नें हिस्सा लिया।

प्रेसवार्ता में शिया व सूफी उलेमा ने संयुक्त तौर पर बयान जारी करते हुए कहा कि आज विश्व स्तर पर इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। जबकि इस आतंकवाद के पीछे इस्लाम दुश्मन ताकतें हैं जो कुछ तथाकथित मुसलमानों को इस्तेमाल करके इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम कर रही हैं। एक कट्टरपंथी समुदाय सांप्रदायिकता एवं चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है लेकिन बदनाम सभी समुदाय हो रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए आवश्यक है कि वैश्विक स्तर पर शिया व सुन्नी सूफी हजरात में एकता हो ताकि दुनिया को मालूम हो कि इस्लाम शांति और एकता का धर्म है और जो लोग इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहें है वो इस्लाम दुश्मन ताकतों के खरीदे हुये लोग है और उनका इस्लाम के साथ कोई संबंध नहीं है

उलेमा ने कहा कि भारत में मुसलमानों में बहुसंख्यक शिया व सुन्नी सूफी हजरात का है इसलिए उनके बीच एकता आवश्यक है। हम बहुसंख्यक होने के बावजूद हम अपने वैध अधिकारों से वंचित हैं और सभी अधिकार एक छोटे समुदाय को दे दिये जाते हैं। उलेमा ने कहा कि हम किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं हैं और न ही 25 मार्च को आयोजित होने वाला सम्मेलन किसी धर्म और समुदाय के खिलाफ है बल्कि हम उस सोच के खिलाफ है जो इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम कर रही है। उलेमा ने कहा कि जो धर्म वजू के लिए भी पानी व्यर्थ करने की अनुमति नहीं देता है वो निर्दोष लोगों के खून बहाने की इजाजत कैसे दे सकता है। यदि आतंकवादी मुसलमान होते तो वह इबादतगाहों को नुक़सान नही पहुचाते और निर्दोष लोगों को नहीं मारा जाता।

प्रेसवार्ता में मौजूद सभी सूफी उलेमा ने कहा कि इन्शाअल्लाह 25 मार्च को लखनऊ में सभी सूफी हजरात, सज्जदानशीन और अन्य उलेमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी और बुर्जग सुफियों के निमंत्रण पर तशरीफ़ ला रहे हैं, यह एक ऐतिहासिक सम्मेलन होगा। सूफी हजरात ने कहा कि इमाम बाड़ों और खानकाहों का इतिहास रहा है कि हमेशा यहाँ से शांति और एकता का संदेश दिया गया है। इसलिए आज हम शिया व सुन्नी सूफी मिलकर नफ़रत फैलाने वालों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं ताकि हमारे देश में प्यार और शांति का संदेश आम हो सके।

प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना कल्बे जवाद के साथ शाह सैयद हसनैन बकई सज्जादानशीन , मुफ्ती सैयद महजर मियां मदारी सज्जादानशीन , मुफ्ती सैयद शजर अली मदारी , मौलाना सैयद हसन मियां सज्जादानशीन , मौलाना सैयद राजदार हुसैन सज्जादानशीन , मौलाना सैयद नूरुल अख़्यिार , मुफ्ती सैयद अरगुवान मियां , मौलाना सैयद सईदुल अनवार (सईदी मियां) , मौलाना सैयद अज़हर अली और दूसरे उलेमा शामिल रहे।