नई दिल्ली: IPL-2018 में DRS (डिसिजन रिव्यू सिस्टम) के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है। BCCI ने आखिरकार इसकी मंजूरी दे दी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले से ही DRS का इस्तेमाल किया जा रहा है। आईपीएल में इसको अमल में लाने की मांग चल रही थी। पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) में इसी सीजन से डीआरएस का इस्तेमाल किया जा रहा है। आईपीएल दूसरा T20 टूर्नामेंट है जहां अब इसका प्रयोग किया जाएगा। कुछ मैचों में फील्ड अंपायर के फैसलों पर सवाल उठने के बाद वर्ष 2017 में आईपीएल में भी डीआरएस के इस्तेमाल करने पर विचार किया गया था। डीआरएस के अमल में आने से टीमों को अंपायर के फैसले के खिलाफ अपील करने का मौका मिल सकेगा। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बीसीसीआई आईपीएल में भी डीआरएस के इस्तेमाल को लेकर पिछले कुछ समय से उत्सुक था। इस पर अब जाकर अमल करने का निर्णय लिया गया। हमलोग आईपीएल में कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे में डीआरएस को अमल में क्यों नहीं लाया जाना चाहिए था? वैसे भी हमलोग भारतीय टीम के लिए पिछले डेढ़ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इसकी मदद ले रहे हैं।’

बीसीसीआई ने बनाया घरेलू अंपायरों का पैनल: बीसीसीआई ने डीआरएस के विशेष सेशन के लिए 10 घरेलू अंपायरों का पैनल बनाया है। इस विशेष सत्र का आयोजन विशाखापट्टनम में किया जाएगा। आईसीसी में अंपायरों के कोच डेनिस बर्न्स और अनुभवी अंपायर पॉल रिफेल उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि बीसीसीआई के इस फैसले से आईपीएल में ज्यादा सटीक फैसले लिए जा सकेंगे। बता दें कि डीआरएस तकनीक को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन, पिछले एक-दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट समुदाय इस तकनीक के इस्तेमाल को लेकर एकजुट हो गया है। भारत लंबे समय तक इस पर प्रश्नचिह्न लगाता रहा था।

आईपीएल-2018 7 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। इसमें हिस्सा लेने वाली आठ फ्रेंचाइजी ने जनवरी में इसके लिए खिलाड़ियों की बोली लगाई थी। दो साल के निलंबन के बाद चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स की टीमें आईपीएल में फिर से वापसी कर रही हैं। ऐसे में कैश रिच T20 टूर्नामेंट के और दिलचस्प रहने की उम्मीद जताई जा रही है।