‘‘हमारे मतभेद किसी आॅपरेटर से नहीं बल्कि नियामक के आदेशों से हैं। हम किसी आॅपरेटर को कतई परेशान नहीं करना चाहते हैं। अलग-अलग आॅपरेटर अपनी कम्पनी के हितों की रक्षा के लिए पुरजोर कोशिश करने को स्वतंत्र हैं पर यह प्रयास देश के कानून के दायरे में हो। नियामक को यह सुनिश्चित करना है कि कम्पनियों के प्रतिस्पर्धी दावों पर कोई कार्यवाही पूरी इंडस्ट्री का हित ध्यान में रखते हुए की जाए। यही ट्राई एक्ट के लिए जनादेश है जिसमें टेलीकम इंडस्ट्री का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। हम जब भी इसके प्रतिकूल कुछ देखते हैं तो अपनी चिंता जाहिर करते हैं जैसा कि किसी उद्योग संघ को करना चाहिए। यह पूरे सेक्टर के विस्तार एवं विकास और देश के हित में है। हम अपनी यह बात भी दर्ज करना चाहते हैं कि हमारे अन्य सभी आॅपरेटर सदस्य निर्विरोध हमारे मत का समर्थन करते हैं। एक भी अपवाद नहीं है। हम पूरे देश को नेटवर्क से जोड़ने और एक शक्तिशाली डिजिटल इंडिया बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के सपनों को सच करने के लिए निरंतर काम करते रहेंगे।’’