लखनऊ: अध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के सानिध्य में यहां स्मृति उपवन, आशियाना में 28 फरवरी की षाम आर्ट आफ लिविंग अनुग्रह उत्सव महासत्संग का आयोजन कर रहा है। यह उत्सव शांति, प्रेम और सौहार्द का संदेश समाज के सभी वर्गों तक पहुँचाने के उद्देष्य से वाराणसी से 26 फरवरी से प्रारम्भ की प्रदेश के पूर्वी अंचल की तीन दिवसीय रेलयात्रा के समापन पर हो रहा है।

आर्ट ऑफ लिविंग उत्तरप्रदेश पूर्व एपेक्स बॉडी के सदस्य अजीत दास ने बताया कि स्मृति उपवन, आशियाना में 28 फरवरी को षाम 6.30 बजे आयोजित महासत्संग में दहेज के विरुद्ध और महिला सशक्तिकरण के सन्देश की शपथ दिलाई जायेगी। रोटरी क्लब, लायंस क्लब, पीएचडी चेम्बर्स, इडियन मेडिकल एसोसिएशन, ब्रह्म्कुमारीज, पतंजलि, लखनऊ विश्वविद्यालय, 1090 वीमेन पॉवर लाइन जैसे अनेक संगठनों के सहयोग से यह सबसे बड़ी षपथ होगी। अनुग्रह उत्सव में मिस इण्डिया-2015 वर्तिका सिंह व पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा भी इस मुहिम को समर्थन दे रही हैं। ज्ञान, ध्यान, सत्संग और समाज सेवा के इस अनूठे सन्देश के साथ साथ भव्य लेजर शो द्वारा श्रीश्री का संक्षिप्त जीवन परिचय भी दर्शाया जायेगा। नई दिल्ली की सुविख्यात गायिका चित्रा रॉय सुमधुर स्वरों में प्रस्तुत भजनों से एक दिव्य कार्यक्रम को और दिव्य बनाएंगी। सभी नागरिक इस अच्छे पहल के साथ जुड़ सकें इसके प्रचार -प्रसार के लिए बंगलौर आश्रम से आये स्वामी दिव्यानंद व ब्रह्मचारी जयंत लखनऊ की पदयात्रा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 24 फरवरी को नौजवानों और विद्यार्थियों की बाइक रैली का आयोजन हो रहा है।

उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रदेश में गुरुदेव के आगमन पर कानपुर में एक विशाल युवा समागम भी आयोजित होगा। अपनी रेलयात्रा के दौरान, गुरुदेव लोगों को सुखी और स्वस्थ-सुखी जीवन जीने के गुर बताएँगे। इस आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य आतंरिक ज्ञान और आनंद की लहर को फैलाना है। उनका शांति और सौहार्द्र का संदेश एक सकारात्मक और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए सहायक होगा।
उन्होंने बताया कि ओम अनुग्रह यात्रा नाम की यह आध्यात्मिक रेल यात्रा 26 फरवरी को सारनाथ दर्शन के साथ वाराणसी से शुरू होगी जहाँ एक संत समागम भी आयोजित है। इसी क्रम में 27 फरवरी को गोरखपुर में गोरखधाम दर्शन के बाद महासत्संग होगा। श्रावस्ती दर्शन के बाद 28 फरवरी 2018 को लखनऊ में महासत्संग अनुग्रह उत्सव द्वारा समाप्त होगी। लखनऊ के महा-सत्संग में दहेज-मुक्त भारत के लिए सबसे अधिक संख्या में लोग शपथ लेंगे। इस आध्यात्मिक यात्रा के लिए आईआरसीटीसी के सहयोग से पूरी ट्रेन की विशेष व्यवस्था की गयी है। यह ट्रेन कुछ प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी। जहां गुरुदेव के सभी वर्गों के लोगों के साथ सीधा संपर्क करने के उद्देष्य से सत्संग का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर विजय रडाडिया, ब्रह्मचारी जयंत, तनुज नारायण, रतन अग्रवाल व प्रशिक्षक समर्थ नरायण भी उपस्थित थे।