ED को मेल कर कहा- न तो भारत लौटूंगा, न ही कर्ज चुकाऊंगा

नई दिल्ली: नीरव मोदी ने एक ईमेल भेजकर ईडी से कहा है कि वह न तो भारत लौटेगा, न ही कर्ज चुकाएगा. इस मामले में ईडी ने पहले ही नीरव मोदी को नोटिस भेजा था. इस के जवाब में नीरव मोदी ने ईडी को ईमेल किया है कि वह भारत नहीं लौटेगा. पंजाब नेशनल बैंक नीरव मोदी से कर्ज की रकम वसूलना चाहता है लेकिन नीरव मोदी पहले ही मना कर चुका है कि उसकी संपत्तियां ईडी ने सील की है जिसकी वजह से वह कर्ज नहीं चुका सकता.

इन्फोर्समेंट डायक्ट्रेट को गुरुवार को ई-मेल के ज़रिए हीरा व्यापारी नीरव मोदी ने यह साफ कर दिया कि वह 11,400 करोड़ के घोटाले के मामले में इन्फोर्समेंट डायक्ट्रेट के आगे पेश नहीं हो सकता. ईडी ऑफिसर को ई-मेल में जवाब देते हुए नीरव ने पासपोर्ट के टेंपररी सस्पेंशन और बिज़नेस व्यस्तताओं का हवाला देते हिुए देश वापस आने से इंकार किया है.

9000 करोड़ के मनी लॉड्रिंग मामले में शराब करोबारी विजय माल्या ने भी कुछ सालों पहले ईडी के सामने पेश न हो सकने की यही वजहें दी थीं। जिसके बाद एंजेसी ने उन्हें इंडियन एंबेसी से ट्रेवल डॉक्यूमेंट इशू करवाकर देश वापस आने का सुझाव दिया था।

अधिकारियों के मुताबिक हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ ईडी ने अब ताज़ा समन जारी कर दिया है. नीरव मोदी को प्रीवेंटिंग ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (पीएसएलए) के तहत समन जारी किया गया था. सूत्रों के मुताबिक नीरव मोदी को 26 फरवरी को इंवेस्टीगेशन में को-ऑपरेट करने और मुंबई में सेंट्रल प्रॉब एजेंसी के सामने पेश होने के आदेश दिए गए हैं.

बता दें घोटाले से आहत पंजाब नेशनल बैंक ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी को बकाये के भुगतान के लिए एक पुख्ता और क्रियान्वयन योग्य योजना के साथ आने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक पीएनबी में हुए 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले का सूत्रधार यही नीरव मोदी है. बैंक की मुंबई शाखा द्वारा धोखाधड़ी से जारी साख पत्रों (एलओयू) के आधार पर अन्य बैंकों की विदेशी शाखाओं से कर्ज लेकर यह धोखाधड़ी की गई है.

पीएनबी ने नीरव मोदी के एक ईमेल के जवाब में उनसे कर्ज चुकाने की ठोस योजना के साथ आने की यह बात कही है. सूत्रों ने बताया कि पीएनबी के महाप्रबंधक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग विभाग) अश्विनी वत्स ने नीरव मोदी को उसके मेल का जवाब भेजा है. उसमें कहा गया है, ‘आप गैरकानूनी और अनधिकृत तरीके से कुछ बैंक अधिकारियों के जरिए एलओयू हासिल कर रहे थे. किसी भी समय हमारे बैंक द्वारा आपकी तीन भागीदार कंपनियों को यह सुविधा नहीं दी गई थी.’