कानपूर: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11 हजार करोड़ रुपये के स्कैम के बाद अब सरकारी बैंकों से करोड़ों रुपये के घोटाले का एक और मामला सामने आया है. रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी पर अलग-अलग सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर भागने का आरोप है.

सूत्रों के मुताबिक, कानपुर स्थित रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने 5 सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया था. बताया जा रहा है कि इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियम-कानून को ताक पर रखकर विक्रम कोठारी को इतना बड़ा लोन दिया.

विक्रम कोठारी ने सबसे ज्यादा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ का लोन लिया है. उसने इलाहाबाद बैंक से भी 352 करोड़ की रकम का कर्ज लिया था, लेकिन एक साल हो जाने के बावजद उसने बैंकों को न तो लिए गए लोन पर ब्याज चुकाया है और न लोन वापस लौटाया है.

कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों ने ताला बंद है. विक्रम कोठारी का भी कोई अता-पता नहीं है. वो लापता बताया जा रहा है. इलाहाबाद बैंक के मैनेजर राजेश गुप्ता ने फरार विक्रम कोठारी की संपत्तियों को बेचकर पैसे वापस रिकवर होने की उम्मीद जताई है.