लखनऊ: शिया सुन्नी एकता के महत्व पर जोर देते हुए मजलिसे उलेमाए हिंद के महासचिव मौलाना सैयद कलबे जवाद नकवी ने आज अपने बयान में कहा कि शिया व सुन्नी एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें ताकि हमारे इखतेलाफ का लाभ कोई दूसरा न उठा सके। मौलाना ने कहा कि इन्शाअल्लाह मार्च में अंतरराष्ट्रीय शिया व सुन्नी सूफी एकता सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें देश-विदेश के महत्वपूर्ण सुफी सुन्नी भाग लेंगे ताकि सरकारों को यह अनुमान हो सके कि मुसलमानों में मर्जोटी शिया व सुन्नी सूफी हजरात की है।

मौलाना ने कहा कि हाल ही में कन्नौज में अंतरराष्ट्रीय सूफी सम्मेलन हुआ था जिसमें कई महत्वपूर्ण देशों के सूफी हजरात शरीक हुए थे, जब मैं सम्मेलन में पहुंचा तो उन्होंने सम्मेलन की अध्यक्षता मुझे सौंप दी। इससे अनुमान होता है कि अगर उनके दिल में शियों से हल्का सा भी बैर होता तो वे एक शिया को अपने सम्मेलन का अध्यक्ष नहीं बनाते। मौलाना ने कहा कि में सूफी खानकाहों में जहां जहां भी गया वहाँ अजादारी होती है, ताजिया रखा जाता है और वह अहलेबैत अ0स0 को उसी तरह मानतें हैं जिस तरह से हम मानते है । हमारे कुछ नादान खतीबों की तकरीरों ने बहुत नुकसान पहुंचाया है, हमें उन ग़लतफहमयों को दूर करने की जरूरत है जिनकी वजह से अहलेबैत अ0स0 को मानने वाले हमसे दूर हो गए हैं।मौलाना ने कहा कि कन्नौज मंे अंतरराष्ट्रीय सूफी सम्मेलन में मुझे बताया गया कि भारत में 22 लाख खानकाहें हैं, यानी अगर किसी सभा या जुलूस में हर खानकाहा से एक व्यक्ति भी शामिल होता है तो 22 लाख लोगों को एक मंच पर इकट्ठा किया जा सकता है। इस सम्मेलन के बाद, वक्फ बचाओ आंदोलन में तेजी आयेगी और वक्फ संपत्तियों में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी लगाग लगेगी।

मौलाना ने उम्मीद जताई कि इन्शाअल्लाह मार्च में शिया व सूफी सुन्नी एकता सम्मेलन एक यादगार सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन से सरकारों को अनुमान होगा कि मेजोर्टी किसके पास है। मौलाना ने कहा कि आज भी वही तारीख दोहराई जा रही है कि एक छोटे से वर्ग को सारे अधिकार मिल रहे हैं और मुसलमानों का बडा वर्ग अपने अधिकार से वंचित रह जाता है। हम किसी वर्ग के विरोधी हरगिज नहीं हैं, हर किसी को उसके वैध अधिकार मिलने चाहियें लेकिन अधिकार जनसंख्या अनुपात से दिए जाएं ताकि किसी के अधिकारों का हनन न हो।

मौलाना ने कहा कि हम पर कितने भी आरोप लगाए जाएं लेकिन हम अपने लक्ष्य से पीछे नही हटेंगे। आरोप इस लिये लगाएं जाते हैं ताकि हम अपने अधिकारांे ओर मागों से पीछे हट जाये। अब तो स्पष्ट हो चुका है कि इस गन्दी राजनीति के पीछे कौन है इसलिए हम डरने वाले नहीं हैं। हम हमेशा वक्फ,और अपनी कौम के हितों के लिए आवाज उठाते रहेंगे।