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आॅटो एक्स्पो में अशोक लेलैंड की इलेक्ट्रिक बस सर्किट-एस का अनावरण

हिंदुजा ग्रुप के प्रमुख ब्रांड अशोक लेलैंड और सन मोबिलिटी के बीच वैश्विक साझेदारी की घोषणा जुलाई 2017 में की गई थी। यह साझेदारी आॅटो एक्स्पो 2018 में और सुदृढ़ हुई है। इसका लक्ष्य स्मार्ट सिटीज के लिए स्मार्ट मोबिलिटी समाधानों का निर्माण करना है। अपने इसी लक्ष्य को आकार देते हुये, अशोक लेलैंड ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक बस-सर्किट एस का अनावरण किया जोकि सन मोबिलिटी की स्वैपेबल स्मार्ट बैटरीज्ड से सुसज्जित है।

दोनों कंपनियां वास्तव में विश्वस्तरीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समाधान विकसित करने के लिए भारत के नवाचार एवं इंजीनियरिंग सामथ्र्य का लाभ उठाने के लिए एक साथ आई हैं। अपनी तरह का पहला तकनीकी प्रदर्शन देश में ‘डिजाइन इन इंडिया‘ और ‘मेक इन इंडिया‘ सामथ्र्य का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह विश्वस्तरीय समाधान भारत की बढ़ती ई-मोबिलिटी जरूरतों एवं सार्वजनिक परिवहन के लिए स्मार्टर समाधानों की वैश्विक मांग का जवाब है।

सर्किट-एस भारत में जन रूपांतरण सिस्टम के लिए एक बदलावकारी कदम है। यह भारत की पहली स्वैप बैटरी बस है, जिसे भारतीय स्थितियों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें 25-35 लोगों के बैठने की क्षमता है, यह आसानी से स्वैपेबल, स्मार्ट बैटरीज पर चलती है, जोकि छोटी हैं और इनका वजन नियमित लि-आॅयन बैटरी का एक चैथाई है। अपनी तरह के पहले निरूपण में, अशोक लेलैंड एवं सन मोबिलिटी ने महज 4 मिनट में अपनी इलेक्ट्रिक बस की ‘‘रिफ्युएलिंग/स्वैपिंग का प्रदर्शन किया है। यह डिपो में बस चालकों या कंडक्टर्स की स्वैपिंग के साथ पारंपरिक रिफ्युएलिंग से तेज है। इस तरह, यह समाधान सुविधा एवं तीव्र रिचार्जिंग विकल्पों के मुद्दों से निपटता है जोकि जन परिवहनके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता एवं व्यावहारिकता के लिए लंबे समय से बड़ा रोड़ा बने हुये हैं।

श्री विनोद के. दासारी, प्रबंध निदेशक, अशोक लेलैंड ने कहा, ‘‘हमारा विजन महत्वपूर्ण, भारत-विशिष्ट समाधान की डिजाइनिंग, विकास और विपणन कर सार्वजनिक परिवहन को बदलना है जोकि हमारी सिटी बसेस को उत्सर्जन-मुक्त, लागत-प्रभावी और मापनीय बनायें।‘‘ उन्होंने बताया, ‘‘हम सन मोबिलिटी के साथ की गई साझेदारी के सात महीनों के भीतर इस अनूठे, विश्वस्तरीय समाधान को बाजार में लाने में सक्षम हुये हैं। हमारी ट्रांसपोर्ट अथाॅरिटीज के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान के तौर पर इस स्वदेशी, विश्वस्तरीय तकनीक को देखते हैं। सर्किट-एस बस कम महंगी होंगी और इनमें रखरखाव की बहुत कम जरूरत होगी क्योंकि इसमें मूविंग पार्ट्स कम हैं, यह छोटे बैटरी पैक के कारण हलके होंगे और सबसे महत्वपूर्ण, इसमें जीरो टेलपाइप उत्सर्जन होगा। यह तकनीक समाधान हमारे एसटीयू के लिए इस तकनीकी समाधान को सबसे बड़े इनैबलर के तौर पर देखते हैं

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