नई दिल्ली: केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल 9 महीने पूरे हो चुके हैं। इस बीच विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं कि मोदी सरकार अपने वादों और दावों पर फेल रही है। इसे जांचने के लिए एबीपी न्यूज ने सीएसडीएस-लोकनीति के साथ मिलकर एक ओपिनियन पोल सर्वे किया है। सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के कामकाज से खुश रहने वालों की संख्या में कमी आई है। सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के कामकाज से अंसतुष्टों का आंकड़ा 10 महीने में बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच गया है। इससे पहले मई 2017 में हुए सर्वे में अंतुष्टों का आंकड़ा 27 फीसदी था जो 13 फीसदी बढ़कर अब 40 फीसदी हो गया है। यानी मोदी सरकार की लोकप्रियता में कमी आई है। इस सर्वे में 19 राज्यों के 175 लोक सभा सीटों के आंकड़े इकट्ठे किए गए हैं। यह सर्वे 7 से 20 जनवरी के बीच किया गया है।

सर्वे के मुताबिक पूर्वी भारत (बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा और असम) में अगर आज चुनाव हुए तो कुल 142 लोकसभा सीटों में से बीजेपी और उनके सहयोगी दलों को 72, कांग्रेस और सहयोगी दलों (यूपीए) को18 और अन्य को 52 सीटें मिल सकती हैं। जानकार बता रहे हैं कि एनडीए की सीटों में इजाफे की वजह बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड से हुआ गठबंधन है।

सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत (कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, और केरल) में एनडीए की स्थिति कमजोर जबकि यूपीए को फायदा हो सकता है। वहां की कुल 132 सीटों पर एनडीए को 34 , यूपीए को 63 और अन्य को 35 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। 2017 के सर्वे के मुताबिक एनडीए को 39, यूपीए को 52 और अन्य को 41 सीटें मिल रही थीं। यानी दक्षिण भारत में एनडीए की लोकप्रियता में कमी आई है। उसे पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए को 11 सीटें ज्यादा मिलती दिख रही हैं। अन्य को भी 6 सीटों का नुकसान होता दिखाया गया है। इस सर्वे में साफ है कि इस साल होने वाले कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को सत्ता में वापसी के लिए एड़ी चोटी एक करना पड़ सकता है।

सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत (उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा) की कुल 151 लोक सभा सीटों पर अगर आज चुनाव हुए तो एनडीए को 2014 की तुलना में 20 सीटों का नुकसान हो सकता है। सर्वे के मुताबिक एनडीए को इस इलाके में 111 सीटें मिल सकती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को यहां से 131 सीटों पर जीत मिली थी। उत्तर भारत में यूपीए को 13 सीटें और अन्य को 27 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।