अमेरिका में बेहद बड़ा आर्थिक संकट उठ खड़ा हुआ है. यहां डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की पहली सालगिरह पर बंदी (शटडाउन) की नौबत आ गई है. दरअसल सरकारी खर्चों को लेकर एक अहम आर्थिक विधेयक पर सांसद की मंजूरी नहीं मिल सकी, जिस कारण वहां सरकार को 'शटडाउन' करना पड़ा. इसका मतलब यह हुआ कि अब वहां कई सरकारी विभाग बंद करने पड़ेंगे और लाखों कर्मचारियों को बिना सैलरी के घर बैठना होगा.
दरअसल अमेरिका में एंटी डेफिशिएंसी एक्ट लागू है, जिसमें फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है. वहीं सरकार फंड की कमी पूरी करने के लिए एक स्टॉप गैप डील लाती, जिसे अमेरिका की प्रतिनिधि सभा और सीनेट, दोनों में पारित कराना जरूरी होता है.
यह बिल प्रतिनिधि सभा से तो पारित हो गया था, लेकिन सीनेट में इस पर चर्चा के दौरान ही रात के 12 बज गए और इस कारण यह बिल अटक गया. राष्ट्रपति ट्रंप के ऑफिस ने इसे लेकर जारी बयान में डेमोक्रेक्ट्स सांसदों को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
हालांकि अमेरिकी इतिहास में यह पहला मौका नहीं, जब सरकार को शटडाउन से जूझना पड़ा हो. इससे पहले अक्टबूर 2013 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान भी दो हफ्तों तक संघीय एजेंसियों को बंद करना पड़ा, जिस कारण 8 लाख कर्मचारियों को बगैर वेतन के घर बैठना पड़ा था. वहीं 1981, 1984, 1990 और 1995-96 में भी शटडाउन की नौबत आ चुकी है.
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