डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की पहली सालगिरह पर अमेरिका एक बार फिर 'शटडाउन' के संकट से जूझ रहा है. अमेरिकी सरकार को आर्थिक मंजूरी प्रदान करने वाला एक बिल कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट में अटक गया, जिसकी वजह से अमेरिका में कई सरकारी दफ्तरों को बंद करने की नौबत आ गई है.

दरअसल, अमेरिका में एंटी डेफिशिएंसी एक्ट लागू है, जिसमें फंड की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है. ऐसे में लाखों कर्मचारियों को बिना सैलरी के घर बैठना पड़ सकता है. जानिए, 'शटडाउन' से अमेरिका में कौन-कौन सी सर्विसेज प्रभावित होंगी? इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए अमेरिका कौन-कौन से कदम उठाएगा?

ट्रंप प्रशासन ने कहा कि मौजूदा समय में व्हाइट हाउस में 1, 715 स्टाफ हैं. शटडाउन के बाद इसकी संख्या 1000 की जाएगी. हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप को अलग से सपोर्टर दिए जाएंगे, ताकि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों का पालन ठीक तरह से कर सकें. ट्रंप स्विटजरलैंड के दावोस में 23 जनवरी से शुरू हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक समिट में शिरकत करने वाले हैं. इस समिट के लिए ट्रंप को अगर जरूरत पड़ी, तो एडिशनल स्टाफ दिया जाएगा.

शटडाउन के बाद भी ट्रंप प्रशासन अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को बुलाने के मूड में नहीं है. अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक पिछले 16 साल से तालिबानी आतंकियों और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. रक्षा विभाग का कहना है कि शटडाउन का असर अफगानिस्तान में चल रहे यूएस मिलिट्री ऑपरेशन पर नहीं पड़ेगा. अभी अफगानिस्तान में 1.3 मिलियन सैनिक एक्टिव ड्यूटी पर हैं. इनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.

आर्थिक संकट के बाद ट्रंप प्रशासन न्याय विभाग से स्टाफ कम कर सकता है. मौजूदा वक्त में अमेरिकी न्याय विभाग 1 लाख 15 हजार स्टाफ हैं. फिलहाल 95 हजार स्टाफ से ही काम चलाया जाएगा. कई जजों और वकीलों को छुट्टी पर भेजा जा रहा है.

शटडाउन के बाद भी नेशनल पार्क, लाइब्रेरी, लिंकन मेमोरियल और स्मिथसनियन म्यूजियम खुले रहेंगे. 2013 में हुए शटडाउन में अमेरिकी सरकार ने इन्हें अस्थायी तौर पर बंद रखा था. ऐसे में सरकार को काफी नुकसान हुआ था. बता दें कि नेशनल पार्क में रोजाना करीब 75 हजार लोग आते हैं.

अगर सीनेट में ये बिल पास नहीं हुआ, तो मार्केट पॉलिसिंग सिक्योरिटीज़ और एक्सचेंज कमीशन के स्टाफ के एक हिस्से को भी बिना सैलरी छुट्टी पर भेजा जा सकता है. कमोडिटी फीचर्स ट्रेडिंग कमीशन ने आर्थिक संकट पर तत्काल प्रभाव से 95 फीसदी स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया है.

साल 2013 में आए आर्थिक संकट के दौरान मेडिकेयर हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम पर कुछ खास असर नहीं पड़ा था. हालांकि, यूएस सेंटर की ओर से चलाए जा रहे डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) प्रोग्राम जरूर प्रभावित हुआ था. ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, इस बार भी कोशिश रहेगी कि यह सेक्टर प्रभावित न हो. फिर भी स्टाफ को आने वाले समय के लिए तैयार रहने का कहा गया है.

अमेरिकी शटडाउन का असर व्यक्ति की उन चीजों और सुविधाओं पर भी पड़ेगा, जिसका इस्तेमाल वे रोजमर्रा की जिंदगी में करते हैं. इसमें पेट्रोल, ग्रोसरी भी शामिल है.

अमेरिका में एंटीडेफिशिएंसी एक्ट लागू है. इस एक्ट के तहत अमेरिका में पैसे की कमी होने पर संघीय एजेंसियों को अपना कामकाज रोकना पड़ता है, यानि उन्हें छुट्टी पर भेज दिया जाता है. इस दौरान उन्हें सैलरी नहीं दी जाती. इसे सरकारी भाषा में शटडाउन कहा जाता है. अमेरिका के इतिहास में कई बार शटडाउन की स्थिति आ चुकी है. 1981, 1984, 1990, 1995-96 और 2013 के दौरान अमेरिका के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं बचा था.