इलाहाबाद: विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को लेकर संगठन में दो फाड़ हो गया है. प्रवीण तोगड़िया द्वारा केन्द्र सरकार पर आरोप लगाये जाने के बाद जहां विहिप का केन्द्रीय नेतृत्व उनसे किनारा करता दिख रहा है, वहीं विहिप के कई पदाधिकारी अपने संगठन के अध्यक्ष के साथ खड़े दिख रहे हैं.

गुजरात में चार दिन पहले डा. प्रवीण तोगड़िया ने जिस तरह से अपना एनकाउंटर किये जाने की साजिश का आरोप केन्द्र सरकार पर लगाया था. उसके बाद से ही विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संगठन के कई पदाधिकारियों ने तोगड़िया से किनारा कर लिया है.

केन्द्रीय पदाधिकारियों द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष से दूरी बनाये जाने के बावजूद प्रांत स्तर के कई पदाधिकारी पूरी तरह से तोगड़िया का समर्थन और बचाव करते दिख रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस मामले को लेकर विहिप में दो फाड़ हो गया है. जिसके बाद मुख्य़ विपक्षी पार्टियां भी विश्व हिन्दू परिषद पर सवाल खड़े कर रही हैं.

कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि विहिप का अध्यक्ष आज अकेले पड़ गये हैं. कांग्रेसी नेता ने इस मामले को नई परिभाषा देते हुये राजनैतिक घरेलू हिंसा का मामला बताया है.

वहीं विहिप के मार्ग दर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य स्वामी चिन्मयानंद ने तो माघ मेले में आज होने वाले संत सम्मेलन में तोगड़िया के मसले पर चर्चा करने से भी साफ मना कर दिया है. उनका कहना है कि संतो के पास इतना वक्त नहीं कि वो इस मसले पर चर्चा करेंगे. साथ ही विहिप के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने भी दो टूक शब्दों में कार्यकारी अध्यक्ष के मसले पर चर्चा करने से इंकार कर दिया.

वहीं विश्व हिन्दू परिषद में एक दूसरा धड़ा है जो आज होने वाले संत सम्मेलन धर्म सभा में तोगड़िया के मामले में पूरी गंभीरता से चर्चा करने का दावा कर रहा है. प्रांत स्तर के इन पदाधिकारियों का कहना है कि वो औऱ संगठन कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगड़िया के साथ हैं.

विहिप के प्रांतीय पदाधिकारियों का ये भी कहना है कि उनके कार्यकारी अध्यक्ष ने जो बाते कही उसमें कुछ सच्चाई जरुर होगी. वरना इस तरह से विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष मीडिया के सामने आकर नम आंखों से अपनी बाते न रखते. विश्व हिन्दू परिषद के काशी प्रांत के गौरक्षा प्रमुख विष्णु श्रीवास्तव का कहना है कि विहिप के कार्यकर्ता और पदाधिकारी अपने अध्यक्ष के साथ हैं.