नई दिल्ली: लाभ का पद मामले में चुनाव आयोग द्वारा आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की खबरों के बीच पार्टी ने पूरे मामले पर सफाई दी है। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्हें इस बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। सभी सूचनाएं मीडिया के हवाले से मिल रही हैं। भारद्वाज ने कहा कि आप के किसी भी विधायक के पास लाभ को कोई पद नहीं था। न ही उन्हें कोई बंगला या गाड़ी मिली थी और न ही उन्हें किसी तरह की कोई सैलरी मिली थी। आप नेता ने यह भी कहा कि चूंकि हाई कोर्ट ने इन विधायकों को संसदीय सेक्रेटरी मानने से ही इनकार कर दिया, ऐसे में इनकी सदस्यता रद्द करने का सवाल कहां से उठता है।

सौरभ भारद्वाज ने इस मामले में केंद्र की मोदी सरकार और मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार जोति को ही निशाने पर ले लिया। उन्होंने जोति के गुजरात सरकार में मोदी के सीएम रहने के दौरान अफसर रहने का जिक्र किया। साथ ही कहा कि सोमवार को रिटायर हो रहे चुनाव अधिकारी ‘मोदी जी का कर्ज’ उतार रहे हैं। आप नेता ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार के इशारे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ साजिश रची है। आप नेता ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने जो भी फैसला लिया हो, लेकिन इस मामले में उनका पक्ष नहीं सुना गया।

आप नेता ने कहा, ‘पूरे विश्व में कोई भी कोई जांच होती है तो उनके नियम में भी लिखा होता है की जिस पर भी आरोप हो उन्हें भी अपनी बात रखने का मौक़ा मिलेगा, EC ने आजतक हमारे विधायकों को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया।’ सौरभ भारद्वाज ने कहा, ’23 जनवरी को CEC जोति साहब का जन्मदिन है। उस दिन वो 65 साल के हो जाएंगे, 65 साल के बाद वे CEC नहीं रहेंगे। इस मामले की तीन लोगों ने सुनवाई की थी, 2 लोगों ने अपने आप को अलग कर दिया है।’ विधायकों के लाभ के पद पर न होने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘क्या कभी इन विधायकों के क्षेत्र में किसी ने देखा हो की इनके पास सरकारी गाड़ी है, सरकारी बंगला है या किसी का बैंक स्टेटमेंट देखा है?’