नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. 5 संशोधन के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है. बावजूद इसके 4 राज्यों राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार ने फिल्म के रिलीज पर बैन लगा दिया है. इस मामले को लेकर 'पद्मावत' के निर्माता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. निर्माताओं ने राज्यों में फिल्म की रोक के खिलाफ याचिका दाखिल की है. इसकी सुनवाई गुरुवार को होगी. निर्माताओं की याचिका में कहा गया है कि जब फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है, तो कई राज्यों में 'पद्मावत' पर बैन क्यों लगाया गया?

'पद्मावती' के 'पद्मावत' होने के बावजूद इस फिल्म का फिर से विरोध मुखर जारी है. 5 संशोधन के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड की हरी झंडी मिली. लेकिन कई राज्यों ने इसे बैन कर दिया है. राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद मंगलवार को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के बारे में ट्वीट किया. विज ने ट्वीट किया, "फिल्म पद्मावती/पद्मावत हरियाणा में प्रतिबंधित."

दीपिका पादुकोण अभिनीत यह फिल्म 16वीं सदी के सूफी कवि मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ और राजपूत रानी पद्मावती पर आधारित है. पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच रुमानी सपने के दृश्य को लेकर फैली अफवाहों के बाद विभिन्न राजपूत एवं अन्य संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ और जन भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए राजस्थान सहित देश के अन्य हिस्सों में फिल्म के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया था.