लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विज्ञान को अपनाकर विकास को प्राप्त किया जा सकता है। विज्ञान तभी मानव कल्याण कर सकता है जब वह भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप हो। इसके लिए आवश्यक है कि हमारे वैज्ञानिक वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपने अनुसंधान कार्य करें। वर्तमान में जैव प्रौद्योगिकी तेजी से उभरती और व्यापक प्रभाव वाली तकनीक है। यह तकनीक नये और उपयोगी उत्पादों के माध्यम से राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही हानिकारक हाइड्रोकार्बन को कम करके यह प्रदूषण नियंत्रण में भी बड़ी भूमिका निभा सकती है।

मुख्यमंत्री आज यहां बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 22वें स्थापना दिवस पर आयोजित प्रथम नाॅर्थ इण्डियन साइंस कांग्रेस-2018 के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आम्बेडकर ने अपना जीवन अभावों में व्यतीत कर भी ऊंचाइयां प्राप्त कीं और समाज को एक नयी दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समाज के कमजोर व वंचित वर्गाें के कल्याण के लिए संविधान में उपबन्धांे का प्राविधान किया।

योगी जी ने कहा कि संस्थान केवल डिग्री व डिप्लोमा देने के कार्य तक ही सीमित न रहे बल्कि शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार के साथ-साथ विभिन्न राजकीय संस्थानों को भी जुड़ना होगा। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इसको पूरा करने के लिए विभिन्न राजकीय संस्थान अपनी प्रयोगशालाओं में स्वायल टेस्ट सेन्टर खोलकर सरकार के इस संकल्प को पूरा करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इस तरह से जहां एक ओर संस्थान किसानों की मदद कर सकता हैं, वहीं विद्यार्थियांे को भी समाजोपयोगी बना सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साॅलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के माध्यम से कचरे में भी सम्भावनाओं को तलाशने की आवश्यकता है। आवारा पशु एक समस्या हो सकते हैं लेकिन इन पशुओं के गोबर से गोबर गैस प्लान्ट स्थापित कर हम गांवों में ईंधन देने के साथ रोशनी की व्यवस्था भी कर सकते हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे गांवों के पलायन को भी रोका जा सकता है। इसके अलावा हम पेट्रोल व एल0पी0जी0 आदि के आयात में होने वाले विदेशी व्यय को बचाकर अपने देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बना सकते हैं।

योगी जी ने कहा कि तकनीक को अपनाकर भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सकता है। अवैध राशन कार्डाे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब राशन कार्डांे का सत्यापन कराया गया व आधार से लिंक करने के साथ ही सरकारी कोटे की दुकानों पर ई-पाॅयस मशीनों से खाद्यान्न वितरित करने की व्यवस्था लागू की गई तो इसके माध्यम से 37 लाख फर्जी राशन कार्ड पाये गए, जिससे सरकार को 33 करोड़ रुपये की बचत हुई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में स्थापित किए जाने वाले बाॅटनिकल गार्डेन हेतु 01 करोड़ रुपये व बुद्ध योग केन्द्र के लिए 25 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने नये जैव प्रौद्योगिकी ब्लाॅक एवं पं0 दीन दयाल उपाध्याय स्मृति उपवन का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों को सम्मानित भी किया।