नई दिल्ली: सिक्किम सेक्टर स्थित डोकलाम के मुद्दे पर पिछले साल भारत और चीन के बीच 73 दिन तक रहे गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी और बड़ी है। जानकारी के अनुसार साल 2017 में चीन ने एलएसी पर 415 पर घुसपैठ की जबकि साल 2016 में ये आंकड़ा 271 था। इसमें साल 2017 दोनों देशों की सेनाओं का 216 बार आमना-सामना हुआ जबकि साल 2016 में 146 बार दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। भारतीय सेना के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार एलएसी पर 23 ऐसे बड़े इलाकों की पहचान की गई है जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद होता रहा है। इसमें लद्दाख केडेमचौक, चुमार, पेंगोंग, स्पांगुर गैप, हिमाचल प्रदेश का कौरिक, उत्तराखंड का बाराहोती, अरुणाचल प्रदेश के नमका चू, सुमदोरोंग चू, असफिला और दिबांग घाटी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

साल 2016 में रिटायर्ड हुए चीन में भारत के राजदूत अशोक कांता ने बताया की घुसपैठ की संख्या महत्वपूर्ण नहीं है। हमें घुसपैठ के पेटर्न को समझने के लिए संतुलित आकंड़ों की जरूरत है। हमें जानने की जरूरत है कि ये सामान्य विवादित क्षेत्रों में हो रहा है या इनमें नए क्षेत्र भी हैं जहां चाईनीज घुसपैठ कर रहे हैं। तभी हम घुसपैठ में हुई बढ़ोतरी के महत्व को समझ सकते हैं।

ग्रॉस ने कहा, ‘आपके पास महात्मा गांधी जैसे महान नेता थे। जिन्होंने हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई थी और अहिंसा का संदेश पूरे विश्व में दिया था, लेकिन अब यहां नफरत बढ़ते जा रही है।’ अमेरिकी नोबेल विजेता ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत से जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए बहुत संघर्ष किया था, लेकिन यह दुख की बात है कि यह देश आज भी इस समस्या से जूझ रहा है।