नई दिल्ली: गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराजगी साफ नजर आई। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपानी को पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी। लेकिन डिप्टी सीएम नितिन पटेल की कुर्सी सीएम की कुर्सी से बहुत नीचे थी। जब पटेल ने इसका विरोध किया तो सीएम ने स्टाफ से पटेल की कुर्सी का लेवल बढ़ाने का आदेश दिया। यह ”कुर्सी हादसा” काफी हास्यास्पद भी रहा, क्योंकि इससे मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी के बीच तनातनी साफ नजर आई। पार्टी में इस वक्त दो धड़े हैं। पहला मुख्यमंत्री विजय रुपानी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का है, जो व्यापारी समुदाय (बनिया) से हैं। दूसरा धड़ा नितिन पटेल का है, जो पटेल समुदाय से आते हैं। इस बिरादरी से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भी हैं।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक अमित शाह ने सोचा था कि नितिन पटेल से वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो लेना आसान होगा, लेकिन यहां वह चारों खाने चित हो गए। बीजेपी के 99 विधायकों में से 30 प्रतिशत पटेल हैं। अटकलें इसी बात को लेकर हैं कि अब बनिया, जिन्हें अपनी मूंछें झुकाने में कोई परेशानी नहीं है, भले ही आखिरी बात उन्हीं की मानी जाए या फिर पटेल जो हमेशा अपनी मूंछें ऊपर रखते हैं, में से कौन सत्ता की लड़ाई में बाजी मारेगा। अहम बात यह भी है कि केरल के आईएएस अफसर के. कैलाशनाथन, जो पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं, उन्हें विधानसभा चुनावों के बाद दिल्ली बुलाया गया था, वह रिटायरमेंट के बाद भी गुजरात के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी का पदभार संभालेंगे। कैलाशनाथन भी एक प्रमुख शक्ति केंद्र हो सकते हैं।

गौरतलब है कि मनचाहा विभाग न मिलने के कारण नितिन पटेल पिछले दिनों खफा हो गए थे। पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे। उन्हें इस बार सड़क और भवन, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसर एवं अन्य परियोना विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वित्त विभाग सौरभ पटेल को दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री रूपाणी ने शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार अपने पास रखा है। इस कारण पटेल अपने विभाग संभालने में देरी कर रहे थे। लेकिन अमित शाह से बातचीत और सरकार में उनके ‘कद’ के मुताबिक नंबर दो का मंत्रालय दिए जाने के आश्वासन के बाद पटेल कार्यभार संभालने के लिए तैयार हो गए। पटेल ने कहा था, ‘‘भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे आश्वासन दिया कि मुझे मेरे पद के हिसाब से कैबिनेट में नंबर दो का मंत्रालय दिया जाएगा।’’