वाशिंगटन: अमेरिका और पाकिस्तान में ठनी हुई है। अमेरिका पाकिस्तान को आतंक खिलाफ लड़ाई के लिए दी जाने वाली आर्थिक मदद को रोकने की बात कह चुका है तो पाकिस्तान भी अमेरिका के लिए किए अपने एहसानों और बलिदानों को गिना चुका है। इसी बीच मंगलवार को अमेरिका ने पाकिस्तान को फिर से चुनौती दी कि जो खैरात वह लेता है, उसे अपने दम पर कमाकर दिखाए। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से यह बात कही गई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सुबह 4 बजे पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाने वाला ट्वीट किया था। पत्रकार उस खास समय के बारे में जानने के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे थे। पत्रकारों के जवाब में व्हाइट हाउस ने कुछ नया तो नहीं बताया लेकिन अपने रटे-रटाए जवाबों में कहा कि पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को रोकने की बात राष्ट्रपति ट्रंप अगस्त में ही कर चुके थे, इस बार उसको दोहराया भर गया है। इसके पीछे वजह पाकिस्तान की अफगान नीति है। राष्ट्रपति चाहते हैं कि पाकिस्तान अपनी बताई अफगान नीति पर काम करे।

स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि वह नहीं जानती कि पाकिस्तान अमेरिका के लिए क्या कर सकता है, लेकिन वह जानता है कि अमेरिका के लिए क्या करना चाहिए। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक मदद रोक देंगे? इस पर वह चुप रहीं, उन्होंने बस इतना कहा पाकिस्तान को अपने दम पर कमाना होगा, हमने पिछले वर्षों में हमने जो सहायता दी, पाकिस्तान को दिखाना होगा कि उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

प्रेस सचिव साराह सेंडर्स ने पाकिस्तान को याद दिलाया कि राष्ट्रपति ट्रंप जो कहते हैं वह करते भी हैं। उन्होंने जो कमिटमेंट की है, वह उसे पूरा करेंगे। सैंडर्स ने कहा कि हम जानते हैं कि पाकिस्तान आतंक खिलाफ लड़ाई में बहुत कुछ कर सकता है और हम चाहते हैं कि वह उठ खड़ा हो और ऐसा करके दिखाए। पत्रकार जब उनसे ट्रंप के सबह 4 बजे ट्वीट करने के सवाल पर अड़ गए तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग अंदेशा जता रहे थे कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ काम नहीं कर रहा है, इसलिए इस्लामाबाद को कड़ा सदेश भेजना जरूरी था।