नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को रणजी ट्रॉफी और अन्य मैच खेलने की इजाजत देने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि ये अंतरिम आदेश क्रिकेट की भलाई के लिए किया गया है. हालांकि इस फैसले के बाद बिहार की टीम अगले साल से ही रणजी टूर्नामेंट का हिस्सा बन पाएगी. और अच्छी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद राज्य के खिलाड़ियों के लिए फिर से भारतीय टीम के लिए दावेदारी पेश करने का रास्ता जरूर खुल गया है.

सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा, 'बिहार सत्तर के दशक से क्रिकेट खेल रहा है. उन्होंने कहा, 'झारखंड और बिहार क्रिकेट को लेकर जो विवाद चल रहा है, उसे बाद में सुलझाया जाएगा. पहले बिहार के खिलाड़ियों और टीम को खेलने दिया जाए'. दीपक मिश्रा ने यह भी कहा कि हम यह भी साफ कर दें कि यह अंतरिम आदेश दाखिल याचिकाओं पर नहीं बल्कि क्रिकेट और खिलाड़ियों के हित के लिए दिया गया है.

हालांकि बीसीसीआई के वकीलों ने अपनी बात जोर से कहते हुए कहा कि बिहार और झारखंड विवाद में हैं. और बिहार को रणजी ट्रॉफी में खेलने की इजाजत देना सही नहीं होगा. लेकिन दीपक मिश्रा ने कहा कि इन दोनों से जुड़े जितने भी विवाद हैं, उन्हें बाद में हम देखेंगे. पहले बिहार को रणजी ट्रॉफी खेलने दी जाए. बिहार के युवा क्रिकेटरों को हक नहीं मारा जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब बिहार के क्रिकेटरों का वह सपना पूरा हो गया, जो पिछले करीब दशक भर से लंबित पड़ा था. अब बिहार की टीम अगले रणजी ट्रॉफी सेशन में हिस्सा ले सकेगी.