लखनऊः उर्दू के मशहूर शायर अनवर जलालपुरी की स्मृति में आज कैफी आजमी अकादमी, पेपर मिल कालोनी, लखनऊ में उर्दू रायटर्स फोरम द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल राम नाईक ने अनवर जलालपुरी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये श्रीमद्भागवदगीता के श्लोक को मूलरूप में एवं उनके द्वारा उर्दू में अनूदित काव्य को भी पढ़कर सुनाया। राज्यपाल ने कहा कि अनवर जलालपुरी ने गीता और गीतांजलि का बेहतरीन अनुवाद किया है। जब तक गीता और गीतांजलि दुनिया में रहेंगी, लोग उनको याद करेंगे। अनवर जलालपुरी ने गीता को बड़ी सहजता के साथ उर्दू जानने वालों के लिए अनुवाद किया था। ऐसा काम करने वाला व्यक्ति जो हमारे बीच से गया है, उसने जाने से पहले जो पूंजी दी है उसको सब मिलकर उपयोग करें। उन्होंने कहा यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

श्री नाईक ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से उर्दू और हिन्दी को एक मंच पर लाये। ‘मेरा उनका परिचय बहुत कम रहा, मगर कई बार उनकी रचनाओं को उनसे सुनने का अवसर मिला। उनके शब्दों में अप्रतिम ताकत थी। सही समय पर सही तरीके से अपनी बात लोगों तक रखना उनकी विशेषता थी। एक संगोष्ठी में मेरी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!!’ पर विचार व्यक्त करते हुये अनवर जलालपुरी ने जिन अच्छे शब्दों का प्रयोग किया वह मेरेे लिये यादगार हंै।’ उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी के निधन की सूचना पाकर ऐसा लगा जैसे किसी ने मुशायरे के बीच से शम-ए-महफिल उठा ली हो।

उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि अनवर जलालपुरी में नेक इंसान की सारी खूबियाँ थी। कई बार उनका कविता पाठ सुना है। मंच पर बोलते तो लगता कि धारा बह रही है। व्यक्ति का कार्य उसे मरने नहीं देता। उनके शब्द हमेशा जीवित रहेंगे। अपनी लेखनी के माध्यम से वे हजारों साल जियेंगे। अनवर जलालपुरी कुरान और गीता पर समान रूप से अधिकार रखते थे। उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी में अपना बनाने की कला थी और वे लोगों को प्रभावित करना जानते थे।

डाॅ0 अम्मार रिज़वी ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से यादों और उर्दू साहित्य में हमेशा जिंदा रहेंगे। उनकी जिन्दगी कभी न खत्म होने वाली जिन्दगी है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा से मांग की कि अनवर जलालपुरी के गृह जनपद अम्बेडकरनगर के जलालपुर में उनके नाम से कोई डिग्री कालेज खोला जाये। डाॅ रिज़वी ने उर्दू में अनुवादित गीतांजलि की कुछ पंक्तियाँ पढ़कर अनवर जलालपुरी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम में वकार रिज़वी ने अनवर जलालपुरी की कृतियाँ ‘उर्दू शायरी में गीता’ एवं ‘उर्दू शायरी में गीतांजलि’ की प्रति राज्यपाल व अन्य महानुभावों को भेंट की। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 अब्बास रज़ा नैय्यर द्वारा किया गया।