नई दिल्ली: सनातन धर्म को बदनाम करने वाले विवादित बाबाओं पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची जारी कर दी है. फर्जी बाबाओं की दूसरी सूची में हाल में ही सुर्खियों में आए दिल्ली के वीरेंद्र देव दीक्षित, बस्ती के सच्चिदानंद सरस्वती और इलाहाबाद की महिला संत और परी अखाड़े की स्वयंभू महामंडलेश्वर त्रिकाल भवंता के नाम शामिल हैं.

इसके साथ ही राजस्थान अलवर के फलाहारी बाबा को भी अखाड़ा परिषद ने निलम्बित करने का फैसला लिया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बाघम्बरी मठ में हुई एक अहम बैठक में कुम्भ की तैयारियों, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य को माघ मेले में जमीन दिए जाने और प्रयाग राज मेला प्राधिकरण के ऊपर साधु सन्तों की निगरानी कमेटी गठित करने समेत कुल सात प्रस्तावों पर बैठक में मौजूद सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों ने मुहर लगायी है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी तेरह अखाड़ों के पदाधिकारियों ने शिरकत की. बैठक में जनवरी 2019 में प्रयाग की धरती पर लगने वाले कुम्भ मेले की तैयारियों को लेकर साधु सन्तों ने विचार विमर्श किया.

अखाड़ा परिषद ने विवादित बाबाओं को लेकर भी बैठक में अहम फैसला लिया है. बैठक में बगैर किसी परम्परा के बाबाओं को संत न मामने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही तीन विवादित बाबाओं की अखाड़ा परिषद ने दूसरी सूची जारी कर उन्हें फर्जी करार दिया है.

गौरतलब है कि इससे पहले सनातन परम्परा को नुकसान पहुंचाने और साधु संतों की गरिमा को नष्ट करने वाले 14 फर्जी बाबाओं की पहली सूची अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसी साल 10 सितम्बर को जारी की थी.

वहीं फर्जी बाबाओं की जारी दूसरी सूची में तीन बाबाओं के नाम शामिल किए गए हैं. हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद फर्जी बाबाओं पर कार्रवाई करने से यहीं रुकने वाला नहीं है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी अभी भी एक दर्जन से ज्यादा फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची भी जल्द जारी करने के संकेत दिए हैं.