लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने तीन तलाक पर नरेंद्र मोदी सरकार के बिल को खारिज कर दिया है। AIMPLB ने कहा है कि यह बिल शरीयत नियमों के खिलाफ है और मुस्लिम परिवारों को बर्बाद कर देगा। लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम नेताओं ने कहा है कि इस बिल को ड्राफ्ट करने में नियमों का पालन नहीं किया गया, ना ही इससे संबंधित किसी पक्ष से राय ली गई। AIMPLB के सज्जाद नोमानी ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को AIMPLB के रुख से अवगत कराएंगे और मांग करेंगे कि बिल को रोक लिया जाए और इसे वापस लिया जाए। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक पर केंद्र के मसौदे को संविधान और महिला अधिकारों के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। रविवार (24 दिसंबर) को AIMPLB ने इस मुद्दे पर एक आपातकालीन बैठक बुलाई इसके बाद कहा कि अगर इस प्रस्तावित बिल को कानून का रूप दिया जाएगा तो कई मुस्लिम परिवार बर्बाद हो जाएंगे। मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि बोर्ड के नेता तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की जेल की सजा के खिलाफ हैं।

मौलाना ने कहा, ‘बोर्ड भी तीन तलाक के खिलाफ है और सख्त कानून चाहता है लेकिन इसके लिए सरकार को पहले मुस्लिम धर्मगुरुओं से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बिल में प्रावधान है कि तलाक देने वाले शख्स को महिला को गुजर-बसर का खर्चा देना होगा, साथ ही इसमें यह भी लिखा है कि तलाक देने पर उसे तीन साल की जेल हो सकती है, आखिर जेल में रहने वाले गुजर-बसर का खर्चा कैसे देगा।’