नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तरी इलाके रोहिणी में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर रेड के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दिक्षित के आश्रम से 41 नाबालिग लड़कियों को रिहा करवाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी बाबा के आश्रम से पुलिस को ड्रग्स और कई सीरिंज बरामद हुई हैं। पुलिस ने आश्रम की इंचार्ज और एक गार्ड को हिरासत में लिया है जबकि आरोपी बाबा फरार है। इस आश्रम का संस्थापक आरोपी बाबा वीरेंद्र ने अपने इस तरह के आश्रम पूरे देश में खोल रखे हैं जहां पर प्रत्येक आयु की लड़कियां रहती हैं। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आरोपी बाबा भगवान कृष्ण की तरह 16 हजार पत्नियां बनाना चाहता था।

रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बाबा के आश्रम में रहने वाली लड़कियों के मुताबिक आरोपी बाबा रोजाना 10 लड़कियों का रेप करता था। इतना ही नहीं आरोपी लड़कियों के बारे में यह भी जानकारी रखता था कि उन्हें पहला मासिक धर्म कब आता है। जैसे ही किसी लड़की को मासिक धर्म होता तो आरोपी उसे अपने कमरे में ले जाता था, जहां पर वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था। बाबा के एक पुराने अनुयायी ने मेल टुडे को बताया कि बाबा नशे का आदी था। आरोपी बाबा लड़कियों के द्वारा दूषित नहीं होना चाहता था इसलिए वह हमेशा अपने साथ कंडोम रखता था। बाबा ने अपने लिए एक अनुयायी रखा था जो कि आरोपी के लिए केवल कंडोम लाने का काम किया करता था।

आरोपी बाबा ने करीब 30 साल पहले इस आश्रम को बनाया था। आरोपी पर पहले भी नाबालिग का यौन शोषण करने के आरोप लगे हैं लेकिन 20 नवंबर को एक महिला ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की मौजूदगी में पुलिस ने आश्रम में रेड की। जब स्वाति पुलिस के साथ रेड करने आश्रम पहुंची तो आश्रम के लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की और साथ ही यह दावा भी किया कि आश्रम और बाबा पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने आश्रम के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं।