लखनऊ: नोएडा जाने के अभिशाप को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा जाएंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मजेंटा लाइन मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे.

सीएम ऑफिस ने योगी के संभावित नोएडा दौरे की पुष्टि की है. दरअसल 25 दिसंबर को नोएडा में मेट्रो की मैजेंटा लाइन का पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे. ज़ाहिर तौर पर सूबे में पीएम की मौजूदगी के मौके पर योगी आदित्यनाथ का रहना ज़रूरी है.

दरअसल ये अन्धविश्वास है कि जो भी मुख्यमंत्री रहते नोएडा गया वो उस कुर्सी पर दुबारा नहीं बैठा. आखिरी बार मायावती नोएडा गईं थीं और 2012 में उन्हें सत्ता से बेदखल होना पड़ा था.

योगी से पहले अखिलेश यादव लगातार पांच साल यूपी के मुख्यमंत्री रहे लेकिन एक बार भी वो नोएडा नहीं गए. इससे पहले मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह भी उत्तर प्रदेश के सीएम रहे लेकिन कभी नोएडा जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.

इस अपशगुन के इतिहास को देखें तो इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के साथ हुई घटना से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि साल 1988 में नोएडा से लौटने के तुरंत बाद ही वीर बहादुर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी. इसके बाद 1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह की भी नोएडा आने के बाद कुर्सी चली गयी. साल 1995 में मुलायम सिंह को भी नोएडा आने के कुछ दिन बाद ही अपनी सरकार गंवानी पड़ गई थी. नोएडा यात्रा से नेताओं की मुख्यमंत्री यात्रा पर विराम लगने से नोएडा पर अपशकुनी होने का कलंक लगता चला गया. हालांकि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी की मुख्यमंत्री रहते हुए नोएडा के अंधविश्वास पर भरोसा नहीं किया.