नई दिल्ली: राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर सोनिया गांधी रिटायरमेंट ले लेंगी. शुक्रवार को संसद के परिसर में उन्होंने मीडिया को ये बयान दिया. दरअसल, आज से संसद में शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है, इसमें हिस्सा लेने के लिए सोनिया गांधी भी पहुंची. उनके वहां पहुंचने पर मीडिया द्वारा राहुल गांधी के कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर जब सवाल किया गया तो सोनिया गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि अब उनका रोल खत्म हो चुका है. उन्होंने आगे कहा, ''मैं रिटायर हो जाऊंगी''.

1991 में अपने पति राजीव गांधी की हत्या के बाद, सोनिया ने पार्टी की कमान संभालने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद पी.वी. नरसिंह राव को चुना गया. जो बाद में देश के प्रधानमंत्री भी रहे.

1996 में कांग्रेस चुनाव हार गई और माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट, नारायण दत्त तिवारी, अर्जुन सिंह, पी चिदंबरम और जयंती नटराजन जैसे कई वरिष्ठ नेताओं ने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सीताराम केसरी के खिलाफ खुलेआम विद्रोह कर दिया.

इसके बाद, पार्टी को पुनर्जीवित करने का प्रयास करते हुए, सोनिया गांधी को 1997 में कलकत्ता पूर्ण सत्र में कांग्रेस में शामिल किया गया और 1998 में उन्हें पार्टी प्रमुख बनाया गया. सोनिया गांधी 19 सालों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं.

गौरतलब है कि, 12 दिसंबर को राहुल गांधी कांग्रेस के नए अध्‍यक्ष निर्वाचित हुए हैं. उनके पक्ष में 89 नामांकन दाखिल किए गए थे. वह अपनी पार्टी के एकमात्र प्रत्‍याशी थे. उनके विरोध में किसी ने पर्चा दाखिल नहीं किया था. 16 तारीख को उनको इस आशय का प्रमाणपत्र दिया जाएगा.

सोनिया गांधी आधिकारिक तौर पर 132 साल पुरानी पार्टी की बागडोर अपने बेटे को 16 दिसंबर की सुबह तकरीबन 11 बजे सौंपेंगी. इसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय में देशभर के नेताओं से मिलेंगे.

राहुल गांधी की ताजपोशी के साथ ही पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव हो गया है. कांग्रेस के इतिहास में सर्वाधिक 19 सालों तक इस पद पर रही सोनिया गांधी 16 दिसंबर को औपचारिक तौर पर उन्हें बागडोर सौंपेंगी.यह बदलाव देश की सबसे पुरानी पार्टी में नये युग का आगाज करेगा. कांग्रेस पार्टी ने स्वतंत्रता के बाद से आधी सदी से अधिक समय तक देश पर शासन किया है. नेहरू-गांधी परिवार के वंशज 47 वर्षीय राहुल के सामने पार्टी की खोई हुई प्रतिष्ठा को लौटाने का कठिन काम है. पार्टी के सितारे हालिया वर्षों में गर्दिश में रहे हैं.

एक समय पूरे देश पर कांग्रेस का नियंत्रण था, लेकिन वर्तमान में सिर्फ पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में उसकी सरकार है. कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद एक के बाद एक विधानसभा चुनावों में हार का सामना कर रही है. हालांकि, उसे पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी. राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से ठीक दो दिन पहले नियुक्त किया जाएगा.