लखनऊ: हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अलमारुफ दादा मियाँ के 110 वें सालाना उर्स के चौथे दिन पहले कुल शरीफ में अकीदत मंदों का उमंड पडा जन सैलाव। सुबह साडे दस बजे कुल शरीफ का शुभारम्भ हुआ। हम्दो नात व मनकबत का गुलदस्ता पेश किया गया, और संबोधन हुआ फिर कुल शरीफ की रस्म हुई। फिर अरबी शिजरए पाक पड़ा गया और उसके बाद दारुल उलूम शाहे रजा के तालिबे इलम हाफिज जैनुल आवेदीन की दस्तार बंदी दरगाह दादा मियाँ के सज्जादा नशीन व मुतावल्ली हजरत ख्वाजा मोहम्मद सबाहत हसन शाह के हाथों से अमल में आई। फिर निहायत ही खूबसूरत अंदाज में दुआ खानी व फातेहा ख्वानी हुई।
हजरत सज्जादानशीन साहब की जानिब से मुल्क की खुशहाली व अमनो अमान की दुआ की गई। इस मौके पर कुल शरीफ में समाजवादी पार्टी के सीनियर लीढर व पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री शिव पाल सिंह यादव जी ने मजार शरीफ पर चादर पेश की और मुल्क में अमनो अमान के लिए दुआ मांगी।

इस अवसर पर कार्यक्रम में वक्ताओ नें सम्वोधित करते हुए कहा कि इस्लाम हुस्ने अखलाक के जोर से फैला है,जो लोग यह कहते हैं कि इस्लाम तलवार के जोर से फैला है उन्हे यह मालूम होना चाहिए कि अल्लाह पाक ने अखलाक में वह धार पैदा कर दी कि अखलाक की धार के आगे तलवार की धार मांद पड़ गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने नबी करीम स. अ. व. के अखलाक को बयान करते हुए कहा कि अल्लाह पाक ने स्पष्ठ तौर से कहा है कि यकीनन आप का अखलाक वलंद व वाला है आप का अखलाके हस्ना सहावा किराम तावाईन औलिया किराम से मुनतकिल होता हुआ दादा मियां र.अ. तक पहुँचा. यही वह वुजुर्ग हैं जिनकी मेहनतों से हुजूर स.अ.व. का अखलाक हम लोगों तक पहुँचा। दोस्तों इस्लाम एक अमन पसंद मजंहब है जहाँ राई के दाने के बराबर भी शरपसंदी की गुंजाईश नहीं है। इस्लाम अमन का पैगाम देता है और दादा मियाँ का पैगाम भी यही पैगाम है।

इस अवसर पर खुसूसी तौर से हजरत मिस्वाहुल हसन शाह दादा मियाँ उर्स कमेटी के मैनेजर हजरत फरहत हसन खाँ हजरत हिफाजत हसन शाह उत्तराखण्ड वक्फ वोर्ड के चैयरमैन जाहिद रजा मिस्वाही मौलाना इकबाल कादरी मौलाना जाफर सादिक मौलाना फारुक नक्शवंदी मौलाना अंसार रज़ा वगैराह के नाम काबिले जिक्र हैं।