नई दिल्ली: हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अल्मारुफ दादा मियाँ के 110 वें सालाना उर्स के तीसरे दिन एक राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। और तसव्वुफ पर आधारित एक किताब का विमोचन भी हुआ।
हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारुफ दादा मियाँ के 110 वें उर्स के तीसरे दिन दरगाह दादा मियाँ के दालान में मुन्कसिराना ज़िदगी और सीरते शाहे रज़ा के उनवान पर आलमी सेमीनार के आयोजन किया गया। जो दिन में 1 बजे तक चला।
इस मौके पर सेमीनार को संबोधित करते हुए उलमा किराम ने कहा कि अल्लाह ताला ने एक एसी जमात को बनाया जो किसी से नहीं डरती और वह जमात है औलिया किराम की। इसी जमात के बारे में अल्लाह ताला फरमाया कि अल्लाह के वलियों को न कोई डर है न कोई ग़म। सेमीनार में आए हुए उलेमा किराम ने कहा कि दादा मियाँ ने पूरी ज़िदगी बहुत ही सादगी से अपनी जिंदगी गुज़ारी और बन्दगाने खुदा को फैज़ पहुँचाते रहे। आपने दीने इस्लाम की तालीम को दुनिया के कोने कोने तक पहुँचाया जिस का तसव्वुर हम लोग नहीं कर सकते। दिन में चौधरी लक्षमी नारायण जी ने दरगाह शरीफ पर चादर पेशकी और शाम को 6 बजे काबीना मंत्री रीता बहुगुणा जोशी जी ने भी दरगाह शरीफ पर आ कर चादर पेश की और अपनी अकीदत का इज़हार किया।
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