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रिलायन्स जियो की निगरानी वाले ऐतिहासिक झण्डेवाला पार्क की हालत बदहाल

लखनऊ। स्माॅर्ट सिटी बनने का सपना संजोये शहर के बीचोबीच खुले में शौच को रोकने के प्रयासों पर पड़ता तमाचा, आग लगने की स्थिति में इमरजेन्सी में पानी के लिये की गयी व्यवस्था ध्वस्त, शाम ढलते ही मयखाने का तब्दील स्वरूप और बचे-खुचे पेड़ों को रौंदते जानवर, जी हां हम बात कर रहे है अमीनाबाद स्थित ऐतिहासिक झण्डेवाले पार्क की, जहां ऐसा दृश्य प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। आजादी का इतिहास समेटकर अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे इस ऐतिहासिक झण्डेवाले पार्क के सुन्दरीकरण का दम भरकर जिम्मेदारी लेने रिलायंस जियो ने भी स्वार्थभरे कदमों का इस्तेमाल कर इस पार्क का सुन्दरीकरण तो नहीं किया, लेकिन इसका उपयोग अपने प्रचार प्रसार के लिये करने में आगे रही। शहर के काफी व्यस्तम अमीनाबाद बाजार के बीचोबीच ऐतिहासिक झण्डेवाला पार्क की चाहे वह शासन प्रशासन हो या फिर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में सांसद, विधायक व पार्षद हो, हर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया, और परिणाम यह रहा कि एक समय हरा भरा रहने वाले इस पार्क में लोगों की भीड़ जुटती थी, लेकिन आज इसके अन्दर सभ्य समाज का कोई व्यक्ति भी अन्दर जाने से हिचकता है। इस बदहाल पार्क के रखरखाव, सुन्दरीकरण और मौजूदा समय में रखरखाव की जिम्मेदारी के बावजूद रिलायंस जियो ने भी आंखें बन्द कर रखी है। इस पार्क की मौजूदा हालात से अवगत कराने और इसके सुधार की मांग को लेकर लखनऊ जनविकास महासभा नवनिर्वाचित महापौर संयुक्ता भाटिया को ज्ञापन देने की तैयारी कर रही है। महासभा के संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी ने बताया कि झण्डे वाला पार्क सिर्फ एक पार्क नहीं बल्कि ऐतिहासिक धरोहर है। विदित हो कि लखनऊ जनविकास महासभा के संस्थापक संयोजक पंकज तिवारी वही है जो तत्कालीन मेयर स्व0 अखिलेश दास के कार्यकाल के दौरान इस पार्क को बाजार बनने से बचाने के लिये सड़कों पर उतरी हिन्दू महासभा लखनऊ की नगर युवा इकाई की अगुवाई की थी, और उस समय पार्टी के प्रदेश युवा इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे। हालांकि बाद में मौजूदा भाजपा नेता अमित पुरी ने सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़कर इस पार्क को बाजार बनने से बचाया था। मौजूदा समय में पार्क की हालत यह है कि पार्क से लगे एक कोने में पुलिस चैकी होने के बावजूद शाम ढलते ही पार्क मयखाने में परिवर्तित हो जाता है, और मजे की बात यह है कि देश में खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने के लिये किये जा रहे प्रयासों पर तमाचा मारा जा रहा है, यहां सूर्योदय से पूर्व कुछ लोग खुले में शौच करते मिल जायेगें जबकि पार्क के दो ओर शौचालय बने हुये है। इतना ही नहीं अमीनाबाद जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुये यहां आग लगने की स्थिति में इमरजेन्सी में पानी के लिये की व्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है, उसके लिये लगाये गये पम्प भी टूट चुके है। इसके अलावा पार्क के चारों बिजली विभाग ने अवैध दुकानों में बिजली पहंुचाने के लिये विद्युत लाईनें बिछा रखी है।

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