नई दिल्ली: 1993 के मुंबई धमाकों मामले में दोषी ताहिर मर्चेंट की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को टाडा कोर्ट का रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. आपको बता दें कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में 7 सितंबर को मुंबई की स्पेशल टाडा कोर्ट ने 24 साल बाद बड़ा फैसला सुनाते हुए ताहिर मर्चेन्ट और फिरोज़ खान को मौत की सजा सुनाई थी. इसी केस में अबू सलेम के अलावा करीमुल्लाह खान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. टाडा कोर्ट ने ताहिर मर्चेंट को कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार दिया था. पांचवे दोषी रियाज़ सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई.

गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि होने की वजह से कोर्ट सलेम को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दे सकती. सजा पर बहस के दौरान प्रॉसिक्यूशन ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी.
रामचंद्रन ने कहा, ‘‘अब तक प्रदेश इकाई प्रतिनिधियों को 90 नामांकन दिए गए. नामांकन के लिए अब तक कोई आवेदन दाखिल नहीं हुआ है और आज नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है.’’

विभिन्न राज्यों से कांग्रेस प्रतिनिधि आज अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में मौजूद होंगे तथा पार्टी के शीर्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव करते हुए नामांकन के अपने सेट दाखिल करेंगे.

गौरतलब है कि 12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे. बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इन धमाकों में बड़ी मात्रा में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था. पहले दौर में दिए गए फैसले में अदालत ने 100 लोगों को दोषी पाया था, जिन्हें फांसी और उम्रकैद की सजा हुई थी. इन धमाकों में 27 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. अभी इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन समेत 27 आरोपी फरार हैं.