नई दिल्ली: साल 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 6.3 प्रतिशत रही। यह आंकड़े जुलाई से सितंबर का है। पहली तिमाही में यह दर 5.7 प्रतिशत थी, जो लगभग तीन साल का सबसे निचला स्तर था। एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद जीडीपी विकास दर की यह पहली तस्वीर है। इससे पता चलता है कि जीएसटी के सकारात्मक नतीजे आने शुरू हो गए हैं और आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था की हालत और सुधर सकती है। इसके अलावा यह भी दिख रहा है कि नोटबंदी का असर अब खत्म हो गया है और कंपनियां निवेश करने आ रही हैं, जिससे विकास के अलावा रोजगार में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।
मुख्य सांख्यिकीविद् टीसीए अनंत ने कहा कि पांच तिमाहियों में गिरावट के बाद जीडीपी में तेजी दिखी है, जो काफी सकारात्मक है। उनके मुताबिक सबसे ज्यादा 7 प्रतिशत उछाल मैन्युफैक्चरिंग में रहा। इलेक्ट्रिसिटी, गैस एंड वाटर सप्लाई की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत और ट्रेड हॉस्टल, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन 9.9 प्रतिशत की तेजी से बढ़े। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि सेल टैक्स के मुद्दे बहुत ज्यादा समय तक नहीं रहेंगे। हालांकि कंस्ट्रक्शन में गिरावट का दौर जारी है।
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