सीएसआईआर-सीडीआरआई अपने औषधि अनुसंधान के क्षेत्र मे अपने योगदान के माध्यम से विज्ञान को समाज से जोड़ने के लिये मानव संसाधन विकास, स्किल डेवलपमेन्ट और युवाओं में विज्ञान एवं स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिये नियमित कार्य कर रहा है । छात्र राष्ट्र के भविष्य है इस को ध्यान में रखते हुए हम युवाओं को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के विषय में शिक्षित करके समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं जिससे वे “स्वस्थ भारत- सशक्त भारत“ मिशन के लिये महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकें।

इसी कड़ी मे अपने सामाजिक दायित्वों के वहन हेतु एवं स्वस्थ भारत निर्माण मे योगदान के लिए सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसन्धान संस्थान, लखनऊ द्वारा ग्रामीण विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे बदलती जीवन शैली के कारण होने वाली बीमारी डाइबिटीज (मधुमेह) एवं उच्च रक्तचाप (बीपी) पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय (बालक), इटौंजा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय (बालिका), इटौंजा, एवं आर पी मेओरियाल इंटर कॉलेज, इटौंजा मे दिनांक 28 नवंबर को छात्र अभिप्रेरणा कार्यक्रम एवं 29 नवंबर 2017 को एक स्वास्थ्य जन-जागृति अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम मे विद्यालय के शिक्षकों, छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों ने भाग लिया ।

डॉ शरद शर्मा, डॉ अनिल गायकवाड़ डॉ संजीव यादव के नेतृत्व मे सीडीआरआई की बारह सदस्यीय टीम स्वास्थ्य जन-जागृति कार्यकम के लिए सिंहामऊ पहुंची। डॉ गायकवाड़ ने डायबिटीज के बारे मे सभी को जागरूक करते हुए बताया कि डाइबिटीज (मधुमेह) क्या है ? डाइबिटीज (मधुमेह) के लक्षण क्या हैं ? डाइबिटीज (मधुमेह) किसे हो सकता है? अधोमधुरक्तता क्या है? उच्च रक्त ग्लूकोज क्या है? बीएमआई क्या है? व्यायाम के क्या फायदे हैं? मोटापे एवं डाइबिटीज (मधुमेह) में भोजन कैसा हो? मोटापे एवं डाइबिटीज (मधुमेह) से कैसे बचें?

कार्यक्रम मे 30 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 150 से लोगों सहित 250 लोगों ने हिस्सा लिया उन्हें बताया गया की किस तरह से वे स्वयम अपनी शुगर एवं बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) की प्राथमिक जांच कैसे कर सकते हैं। प्राथमिक जांच मे लगभग 15% प्रतिभागियों को उनके डायबिटिक होने कि पहली बार जानकारी प्राप्त हुई। सभी को समय समय पर अपने निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों से सलाह लेने एवं स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के लिए प्रेरित किया गया। छात्र-छात्राओं को स्वयं स्वस्थ रहने के साथ साथ अपने परिजनों के स्वास्थ्य के बारे मे भी सचेत करने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई। उन्हें बताया की किस तरह से वे स्वयं अपने स्वस्थ के प्रति सजग रहे एवं अपने परिजनों को भी इस हेतु जागरूक बनाएँ।