लखनऊ: इन दिनों योगी सरकार मिशन पॉवर फ़ॉर ऑल के तहत अक्टूबर 2018 तक यूपी के हर घर को 24 घंटे बिजली देने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर जुटी हुई है. लेकिन जल्द ही यूपी वालों को बिजली का झटका जोर से लगने वाला है.

29 नवंबर को नगर निकाय चुनाव के तीसरे चरण का मतदान खत्म होते ही, बिजली उपभोक्ताओ को बिजली की दरों में होने वाली बढ़ोत्तरी से एक बड़ा झटका लग सकता है.

मौजूदा समय में बिजली विभाग करीब 75 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रही है. यूपी के उर्जा विभाग की बिजली कंपनियों द्वारा विधुत नियामक आयोग को काफी फहले ही विधुत दरों में वृद्धि में एक व्यापक बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. जिस पर आयोग ने भी सहमति है.

ग्रामीण क्षेत्र की बिजली दरों में एक बड़ी वृद्धि के साथ शहरी और औधिगक क्षेत्र की बिजली दरों में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती है. जिसकी घोषणा बुधवार को तीसरे चरण का मतदान खत्म होने के अगले दिन 30 नवंबर को की जा सकती है.

हालांकि नियामक आयोग ने ये भी साफ कर दिया है कि ग्रामीण, शहरी और औधोगिक क्षेत्र की बिजली दरों में वृद्धि बिजली कंपनियों द्वारा भेजे गए मनमाने प्रस्ताव के तहत नहीं की जाएगी. ग्रामीण इलाकों की बिजली दरों में वृद्धि बिजली पहुंचाने के लिए आने वाली कम से कम बिजली की खरीद लागत के मुताबिक ही होगी.