लखनऊ: आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के ज़ेरे एहतमाम एक बैठक का आयोजन कैम्पबेल रोड, यासीनगंज में हुआ। जिसको खिताब करते हुए आलमी शोहरत याफ्ता शेखे तरीकत अल्लामा व मौलाना सैयद जिलानी अशरफ किछौछवी ने कहा कि आज दुनिया को ज़रूरत है मोहम्मद सल्ललाहो अलैहि वसल्लम के किरदार को अपनाने की। आप ने दुनिया के सामने जो किरदार पेश किया वह तमाम इंसानियत के लिए मशगले राह है। आप सल्ललाहो अलैहि वसल्लम अल्लाह तआला तक पहुंचने की मज़बूत रस्सी हैं। जिसके मोअजिज़ात न खत्म होने वाले हैं, जिसकी शादाबी व ताज़गी हमेशा रहने वाली है, सच्चा वह ही है, जो कुरआन करीम की रौशनी में बात करें और हिदायत याफता भी वह ही है जो उसके एहकाम पर अमल करे, बेशक जिसने उसे मज़बूती से पकड़ा, वह सिराते मुस्तकीम तक पहुंच गया। इताअते मोहम्मदी की शान यह है कि खुदा र्कुआने करीम में इरशाद फरमाता है कि जिसने रसूल की इताअत की उसने मेरी की इताअत की। कुरआन करीम एक ऐसी किताब है जिसमें हर शय का वाज़ेह बयान है मगर किसके लिए? उस अज़ीम ज़ात के लिए, जिस पर यह नाज़िल हुआ। लिहाज़ा हर दौर में र्कुआने करीम को समझने के लिए मख्लूक, रसूले करीम की मोहताज रहेगी। जिलानी अशरफ किछौछवी ने कहा कि ईद मिलादुन नबी का महीना आ गया है। हम चाहिए उस ज़ात जिसके सदके में हमें ज़िंदगी मिली उसकी आमद की खुशी में हम पूरे शहर को सजाए, जुलूसे मोहम्मदी में झण्डा उठाकर यह तसव्वुर करें कि या रसुल्लाह आज हमने आपके नाम झण्डा यहा उठाया है आप हशर के मैदान मेें अपने झण्डे की नीचे हमे ले लीजियेगा। इस मौके आॅल इण्डिया हुसैनी सुन्नी बोर्ड के कौमी नायब सदर सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि हमारे लिए खुश नसीबी की बात है कि आलमी शोहरात याफता, मशहुर आलिमे दीन मौलाना सैयद जिलानी अशरफ किछौछवी हमारे दरम्यान मौजूद है इनकी खिदमात सिर्फ किछौछा तक ही सीमित नहीं बल्कि हिन्दुस्तान के लगभग सभी सूबे में, और दुनिया के सभी महाद्वीप चाहे वह अफ्रीका के मुल्क हो, यूरोप के मुल्क हो या अमेरिका के। इन्होंने रसूले करीम सल्लालाओं अलैहि वसल्लम की हिदायत पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया है। इनका जीता जागता कारनामा किछौछा शरीफ में जामे सुफिया के नाम से मौजूद है जिसमें हज़ारों की तायदाद में बच्चे तालीम याफता हो रहे है। सैयद जुनैद अशरफ किछौछवी ने कहा कि हमें चाहिए कि आॅल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के जे़रे एहतिमाम निकलने वाले जुलूसे मोहम्मदी को ज़ोर-शोर से हिस्सा लेकर अपनी गुलामी का सबूत पेश करें।