जिम्बाब्वे में सेना ने संभाली सत्ता, हिरासत में राष्ट्रपति मुगाबे

जिम्बाब्वे में राजनीतिक संकट गहरा गया है। बुधवार को सेना ने देश की कमान अपने हाथों में ले ली। राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को हिरासत में ले लिया गया है। सेना का कहना है कि यह रक्तहीन सत्ता परिवर्तन उसने अपराधियों को निशाना बनाने के लिए की है। सुबह इससे पहले यहां से सरकारी चैनल पर सैनिकों के कब्जा करने की खबर आई थी। जबकि सेना ने उस से साफ इनकार किया था। हरारे में धमाकों की आवाजें आने के बाद सैनिकों ने यह कार्रवाई की है। पूरे घटनाक्रम के बीच जिम्बाब्वे में रह रहे ब्रिटेन के नागरिकों को घरों में ही रहने की हिदायत दी गई है।

जिम्बाब्वे की सेना का कहना है कि राष्ट्रपति मुगाबे और उनकी पत्नी बिल्कुल सुरक्षित हैं और वे उनकी हिरासत में हैं। सेना सरकारी दफ्तरों और सड़कों के आसपास पैट्रोलिंग कर रही है। देश के उपराष्ट्रपति इमरसन मनंगावा के बर्खास्त किए जाने के बाद सेना ने मुगाबे को चुनौती दी थी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने जिम्बाब्वे की सरकार और सुरक्षा बलों से अपील की है वे देश के हालात को जल्द से जल्द पटरी पर ले आएं।

इससे पहले सेना के एक प्रवक्ता ने इस बाबत सरकारी चैनल पर तख्तापलट की खबर को गलत बताया था। जेबीसी ब्रॉडकास्टर पर मेजर जनरल एसबी मोयो ने कहा कि हमारे नागरिक और दुनिया सीमाओं से कहीं आगे हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सेना ने सरकार पर कब्जा नहीं किया है। उन्होंने इसी के साथ देश के नागरिकों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।
सेना की ओर से इस ऐलान से चंद घंटों पहले 100 टुकड़ियों को हरारे की सड़कों पर देखा गया था। इस दौरान उनके साथ टैंक भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि हरारे की सड़कों पर विस्फोट की उन्हें खबरें मिली थीं और वे राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे की सुरक्षा के मद्देनजर वहां पर मौजूद थे।