रांची : एदारा-ए-शरिया, झारखंड के महासचिव कुतुबुद्दीन ने कहें कि राफिया के खिलाफ कोई फतवा जारी नहीं किया गया है, यह बिलकुल गलत बात है. उन्होंने कहा कि राफिया की आड़ में जिस तरह से दो धर्मों के बीच नफरत की सियासत हो रही है वह बहुत ही गलत है और दुखद भी. रांची में किसी भी धार्मिक संगठन ने उसका विरोध नहीं किया है, झूठी खबर फैलाने वालों पर कार्रवाई हो.उन्होंने कहा कि रांची में राफिया का कोई विरोध नहीं हो रहा है, यह बात दीगर है कि दिल्ली और हैदराबाद के कुछ मौलानाओं ने उसका विरोध किया है.

कल ऐसी खबर आयी कि राफिया नाज के घर पर पत्थरबाजी हुई, मामला ज्यादा ना बिगड़ जाये इसलिए डीजीपी खुद उनके घर पहुंचे. सिटी एसपी अमन कुमार, एसएसपी कुलदीप द्विवेदी, आइजी नवीन कुमार सिंह और डीजीपी डीके पांडेय भी राफिया के घर पहुंचे. सभी ने उससे मामले की जानकारी ली. इस दौरान राफिया और उसके पिता द्वारा पुलिस अफसरों को बताया गया कि बहुत पहले कुछ लोगों ने फेसबुक के अलावा एक बार मोबाइल पर और एक बार राह चलते चेतावनी दी थी. लेकिन हाल के दिनों में ऐसा कहीं कुछ नहीं हुआ. बेवजह कुछ लोगों ने मामले को सनसनीखेज बनाने का काम किया, जिसका मैसेज खराब गया.

एदारा ए शरिया के कुतुबुद्दीन ने कहा हम सब राफिया के साथ हैं और उसका समर्थन करते हैं. रांची में किसी भी धार्मिक संगठन ने उसका विरोध नहीं किया है, जहां तक बात उसके घर पर पत्थरबाजी की है, तो मेरा यह कहना है कि यह पुलिस काम है, उसे यह पता करना चाहिए कि अगर हमला हुआ है तो किसने किया है और उसे सजा मिलनी चाहिए.

राफिया ने यह भी बताया था कि उसे अपने शहर में कोई दिक्कत नहीं है, सारे धर्म गुरु उसके समर्थन में हैं. कई धर्मगुरु तो उसे शेरे-ए-हिंद कहकर पुकारते हैं.

राफिया रांची के डोरंडा इलाके के रहमत कॉलोनी में रहती हैं और लोगों को योग सिखाती हैं. राफिया नाज एक तेज तर्रार युवा हैं, वह आजसू पार्टी की टिकट पर दिसंबर 2016 में मारवाड़ी कॉलेज में महासचिव के तौर पर चुनी गयी थी. बाद में पार्टी ने उसे स्टूडेंट यूनियन का स्टेट सेक्रेटरी बना दिया. पिछले दिनों राफिया ने मारवाड़ी कॉलेज के पास लड़कियों के साथ होने वाली छेड़खानी के खिलाफ भी आवाज उठाई थी. राफिया रांची के एसएस डोरंडा स्कूल की छात्रा रही हैं और उन्होंने सुशांत भट्टाचार्य से योग की शिक्षा ली है.