नई दिल्ली: 'पैराडाइज पेपर्स' के खुलासे से भारत समेत दुनिया भर में खलबली मचने के बाद मोदी सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। पैराडाइस पेपर्स में में विदेशों में कालाधन रखने वाले भारत के 700 से ज्यादा अरबपतियों का नाम सामने आए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) की तरफ से लीक किए गए नवीनतम पैराडाइज पेपर्स की जांच पनामा पेपर्स पर गठित जांच संगठनों का मल्टी एजेंसी ग्रुप करेगा।

सीबीडीटी ने कहा कि इस मल्टी एजेंसी ग्रुप की अध्यक्षता सीबीडीटी के चेयरमैन करेंगे और इसमें सीबीडीटी, ईडी, आरबीआई और एफआईयू के प्रतिनिधि होंगे।सीबीडीटी ने कहा कि मीडिया द्वारा किए गए खुलासे में 180 देशों में भारत 19वें स्थान पर है जिनमें 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं।

पैराडाइस पेपर्स में भारत के 714 लोगों में नाम हैं जिनमें कई फिल्मी हस्तियां, नेता और उद्योगपति व कारोबारियों के नाम शामिल हैं। पैराडाइस पेपर्स में दुनिया के 120 से ज्यादा बड़े नेताओं के नाम हैं।

पैराडाइस पेपर्स- करीब डेढ़ साल पहले खोजी पत्रकारिता के अंतरराष्ट्रीय समूह- द इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट (ICIJ) पनामा की एक वित्तीय संस्था से कुछ पेपर लीक किया था जिनमें कालाधन रखने वाले दुनियाभर के बड़े लोगों के नाम सामने आए थे। इस खोजी पत्रकारिता के इसी संगठन ने कालधन से जुड़े कुछ नए पेपर्स लीक किए हैं जिन्हें पैराडाइस पेपर्स के नाम दिया गया है।

पैराडाइस लीक, पनामा पेपर्स लीक के बाद दुनिया की सबसे बड़ी संवेदनशील सूचना की लीक है। इस बार लीक होने वाले डाटा का साइज 14 टीबी है जिसमें 13.4 मिलियन यानी एक करोड़ 30 लाख 40 हजार फाइलें हैं। इससे पहले पनामा पेपर्स में 6.8 मिलियन फाइल्स लीक की गई थीं।
पैराडाइस पेपर्स में जिन टैक्स हैवेन देशों से पेपर लीक किए गए हैं उनमें एंटीगुआ – बारमुडा, अरुबा, द बहामास, बारबाडोस, बरमुडा, द केमैन आईलैंड, लेबुआन, लेबनान, माल्टा, समोआ, त्रिनिडाड और टोबैगो और वैनुआतू हैं।

इस लीक में दुनिया की बड़ी हस्तियों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी रोस और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के दामाद किरिल शमालव का नाम है।
विदेशों में कालाधन छुपाने वालों में 20 ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट संगठन और कंपनियों के भी नाम हैं जो लोगों का पैसा निवेश कराकर उनके धन की सुरक्षा और गोपनीयता उपलब्ध कराती हैं।
पैराडाइस पेसर्स में यह बताया गया है कि नेता-अभिनेता से लगाकर बड़े कारोबारी किस तरह से अपने देश की सरकारों को झूठी सूचना देकर अपना धन छपाते हैं।