लखनऊ: बदलते सामाजिक हालात के हिसाब से बाप-बेटी के पवित्र रिश्तों की नई बुनियाद रखती अभिमन्यु चैहान की फिल्म ‘डैडीज डाटर’ 24 नवम्बर को रिलीज़ हो रही है। रिलीज होने से पहले उत्तरप्रदेश और ख़ासकर लखनऊ में 90 फीसदी शूट हुई फायर थाॅट क्रिएशन्स के बैनर पर दीपा वर्मा और सोनिका सिंह निर्मित इस फिल्म में ‘निल बटा सन्नाटा’ फेम अभिनेत्री फरहीन मुख्य भूमिका में हैं।
यहां के कलाकारों की इस फिल्म के शाने अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उद्घाटन के दिन सात नवम्बर को होने वाले स्पेशल प्रीमियर शो के डोनेशन कार्ड दो-दो हज़ार रुपये तक में लेने की होड़ मची हुई है। इंटरनेशनल बौद्धजि़्म रिसर्च इंस्टीट्यूट गोमतीनगर के आॅडी में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फेस्टिवल में फिल्म को ओपनिंग फिल्म का दर्ज़ा मिला है।
आज के यूथ की मस्ती, मूड और मानसिकता को मनोरंजन के साथ पेश करती इस फिल्म के बारे में निर्देशक अभिमन्यु चैहान बताते हैं कि इंटरनेशनल फेस्टिवल उनकी फिल्म से ओपन हो रहा है यह उनके लिए गर्व की बात है। लखनऊ रंगमंच और फिर ‘गदर-एक प्रेमकथा’ की प्रोडक्शन टीम से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले ‘डैडीज़ डाॅटर’ के निर्देशक अभिमन्यु चैहान स्वतंत्र रूप से ‘तीन बहूरानियां, सिम्पली सपने, मेरी भाभी, इक मुट्ठी आसमान, हमारी सिस्टर दीदी, अधूरी कहानी हमारी’ आदि चर्चित बड़े धारावाहिकों का निर्देशन कर चुके हैं। कहते हैं-ये नये अंदाज़ में लगभग हर घर की कहानी है। फिल्म में बाप-बेटी के रिश्तों की अनूठी मिसाल पेश करने में वे कितने सफल हुए हैं ये तो फिल्म रिलीज के बाद फिल्म को दर्शकों को मिला प्यार ही बता पाएगा पर यू ट्यूब पर रिलीज़ होने वाला लीजेन्ड सिंगर सुरेश वाडकर का गाया गाना जिसने भी सुना, पसंद कर रहा है।
फिल्म में बाॅलीवुड में पहचान रखने वाले सितारों में मिथिलेश चतुर्वेदी, राज सिंह, फरहीन के साथ ही प्रमुख भूमिकाओं में राजीव वर्मा, गरिमा रस्तोगी, अमित सिन्हा, रवि शर्मा, विक्रम सिंह, शुभम सक्सेना, नमन, रोशनी खान व आर्यवीर सिंह हैं। खूबसूरत सिनमैटोग्राफी एफटीआई पुणे के स्नातक कैमरामैन विद्यानाथ भारती की है। संगीत शास्त्रीय संगीत के आगरा घराने से तआल्लुक रखने वाले युवा संगीतकार हार्दिक यादव का है और सहनिर्देशक के रूप में देवेन्द्र गुरुंग देबू काम सम्भाल रहे हैं।
फिल्म में नायिका पूजा का रोल निभा रही फरहीन फिल्म के चरित्र को चैलेंजेबल मानती हैं। पहले थियेटर का अच्छा अनुभव रखने वाली फरहीन कहती हैं कि फिल्म यूथ के लिए ही बनी है तो यंग जेनरेशन को श्योर पसंद आएगी। राजीव वर्मा का कहना है फिल्म वज़नदार है और नई जेनरेशन पर पकड़ बनाकर सीन दर सीन आगे बढ़ती है। फिल्म में तहजीब की नगरी के गोमतीनगर, आशियाना, हज़रतगंज, कुड़ियाघाट, अमीनाबाद और चैक आदि के साथ ही आसपास के स्थलों में नवाबगंज दिखाई देगा।
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