लखनऊ: इनकुस्पेज टू टीयर शहरों पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने के साथ साथ काम करने के लिए जगह देने वाली भारत की सबसे तेज बढती कंपनियों मे से एक है। पिछले दशक से भारत के महत्वकांक्षी स्टार्टअप इतिहास के लिए स्टार्टअप बडे पैमाने पर महानगरों तक ही सीमित रहे हैं, लेकिन इनस्कुपेज की पहल से अब स्टार्टअप जयपुर, लखनऊ तथा इंदौर जैसे टीयर 2 शहरांेमें उभरने लगे हैं।

चूंकि भारतीय महानगरों की अनिवार्यता की परिभाषा विकसित होने लगी है, कम लागत पर प्रतिभाआंे की उपलब्धता, कर्मचारियो के कम अट्रिशन , स्थानीय स्तर पर बेहतर विजिबिलिटर के कारण स्टार्टअप्स महानगरों की बजाए इन छोटे नगरों को तेजी से अपनाने लगे हैं तथा कुछ लोग इसे अपने गृहनगर लौटने स्थापित करने के लिए स्थानीय नेटवर्क का उपयोग करने की तरह मानने लगे हैं। तथा अपने स्टार्टअप कुछ वर्ष पहले तक लखनऊजैसे स्थान पर स्टार्टअप में काम करना अनुचित था लेकिन अब प्रतिभाआं की उपलब्धता, स्थापित करने में आसानी चलाने के लिए यहां ज्यादा बुनियादी के कारण इसे एक अवसर की तरह माना जाने लगा है तथा स्टार्टअप आधार है।

टीयर 2 शहरों में को-वर्किंग स्पेस स्थान के बजाए एक महंगा विकल्प से दूर स्टार्टअप्स के परसेप्शनप को अपनी कंपनी को विकसित करने के माना जाता रहा है। पूरे भारत में हमारे नेटवर्क में को-वर्कर्स के साथ मिलकर काम करने को अब विकास के अवसर के रूप में देखा जाने लगा है तथा साथ काम करने से लगने वाली लागत कहीं कम होगी। दूसरी बात यह है कि दूसरों की मदद से स्टार्टअप्स को गलतियों से बचने और दूसरों से सीखने में मदद मिलेगी। वास्तव में को-वर्किंग स्टार्टअप्स के लिए सही तरीके के सोर्सेस को खोजने में मदद करता है , कई तरह के आइडियाज प्रदान करता है तथा लोगों से कनेक्ट करता है जिससे उन्हे आगे बढने में मदद मिलती है।

सेल्फ-सस्टेनेबल इकोसिस्टम निर्मित बुल्स आइ गोल के साथ सेवाओं के स्थापित करने के अदभूत उद्येश्य से
करने, ग्लोबल फंडिंग, मेंटरशिप और ग्लोबल ब्राण्डस क्रिएट करने के लिए उद्येश्य सेे साथ इनस्कुपेज टीयर 2 शहरों में मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम को-वकिंर्ग करता है। लखनऊ, जयपुर और इंदौर में पहले से ही अपने
केन्द्र स्थापित करने के साथ फाउण्डर्स ने ने 30 टीयर 2 शहरों में केन्द्रों के डेवलपमेंट की ली है। रूपरेखा तैयार कर इस बारे में इंक्युस्पेस के फाउण्डर संजय चौधरी ने कहा कि ‘‘पूरे देश के स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए टीयर 2 शहरो में एक स्ट्रांग बेस स्थापित करना एक कांशियस डिसिजन था । भारत के प्रमुख महानगरों

के बाहर भी टेलेण्ट मौजूद हैं और इकोसिस्टम की जरूरत है। ‘‘उन्होने उन्हें भी अच्छी सुविधाएं तथा अपनी क्रिएटिविटी आगे कहा कि‘‘ कंपनी पूरे भारत में 30 शहरों में अपने बढाने के लिए एक विस्तार की योजना
बना रही है साथ ही विश्व के 7 बडे शहरों में अपनी पार्टनर नेटवर्क बढाने की भी योजना है। इससे कई हजार डॉलर मूल्य के लाभों के अलावा निश्चित ही कोलाबोरेशन केपिसिटी बढेगी जो स्टार्टअप्स को आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं। ‘‘