रायबरेली: रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह ने कहा है कि अगर रायबरेली में एम्स बन गया होता तो एनटीपीसी ब्लास्ट में कई जानें बचाई जा सकती थीं।

दरअसल यूपीए सरकार द्वारा रायबरेली में 1100 बेड के अत्याधुनिक एम्स के निर्माण का काम शुरू किया गया था लेकिन पिछले 3 साल में इस काम को आगे नहीं बढ़ पाया है । अगर रायबरेली एम्स के विकास कार्यों पर ध्यान दिया गया होता तो एनटीपीसी हादसे का शिकार हुए कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने कहा कि वह इस भयावह घटना को लेकर राजनीति नहीं कर रही हैं लेकिन जिस तरह से जनता के हित से जुड़े विकास कार्यों में राजनीति की गई है ,वह नहीं होनी चाहिए थी।रायबरेली एम्स के साथ यही हुआ है।

मोदी सरकार में तो रायबरेली एम्स का बजट भी कम कर दिया गया है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से गोरखपुर में एम्स का शिलान्यास किया जाता है लेकिन रायबरेली एम्स को बजट उपलब्ध नहीं कराया जाता। यह गंदी राजनीति है और इससे आखिर में जनता ही परेशान होती है।

इस दौरान अदिति सिंह ने कहा कि एम्स के निर्माण के लिए पहली किस्त में 170 करोड़ रुपए मिलने के बाद बजट ना मिलने के कारण एम्स का विकास कार्य ठप हो गया है। साल 2009 में केंद्र सरकार की ओर से रायबरेली एम्स के निर्माण की मंजूरी मिली जिस के निर्माण में 839 करोड़ के बजट का निर्धारण किया गया। इसके बाद वर्ष 2012 में 97 एकड़ जमीन एम्स अस्पताल के लिए अधिकृत हुई लेकिन इसके बाद 57 एकड़ जमीन का अधिकरण अभी बाकी है। जुलाई 2015 में प्रोजेक्ट का बजट बढ़ाकर 1427 करोड़ किया गया है लेकिन 170 करोड़ रुपए मिलने के बाद अगले बजट की मंजूरी केंद्र की व्यय वित्त समिति द्वारा नहीं दी गई । यह राजनीति नहीं है तो और क्या है जनता के साथ केवल खिलवाड़ किया जा रहा है।