नई दिल्ली: योजनाओं के लिए आधार कीअनिवार्यता के खिलाफ वेस्ट बंगाल सरकार की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इसके लिए ममता बनर्जी व्यक्तिगत याचिका लगा सकती हैं.

इसके साथ ही मोबाइल फोन से आधार को जोड़ने की अनिवार्यता पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है. जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने केंद्र सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई राज्य सरकार संसद में पारित आदेश के विरुद्ध नहीं जा सकती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आधार को मोबाइल फोन से लिंक करने के विरुद्ध आने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है. यानी ममता बनर्जी व्यक्तिगत तौर पर याचिका लगा सकती हैं.

बता दें कि ममता बनर्जी ने कहा था कि वह अपना मोबाइल फोन आधार से लिंक कराने की बजाए अपना फोन कनेक्शन बंद करना पसंद करेंगी. उन्होंने कहा था, “किसी भी स्थिति में मैं आधार को अपने फोन नंबर के साथ लिंक नहीं करुंगी. यदि अधिकारी मेरा फोन बंद कर देते हैं तो उन्हें करने दो. इससे मेरी ही परेशानी कम हो जाएगी.” उन्होंने आरोप लगाया है कि आधार से फोन को जोड़कर बीजेपी लोगों की जासूसी करने की योजना बना रही है. उन्होंने कहा था, "यह मेरी निजता पर सीधा हमला है."

पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि आधार को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च कर दी जाएगी. हालांकि केंद्र सरकार ने कहा था कि समय सीमा सिर्फ ऐसे लोगों के लिये बढ़ाई जा रही है जिनके पास आधार नहीं है. ऐसे लोगों को आधार के लिये अप्लाई करना होगा. हालांकि अन्य सभी के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा था कि डेडलाइन सभी के लिए बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार सोमवार को कोर्ट को इस संबंध में जानकारी देगी.