लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत की मूल विचारधारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ की रही है, जो विश्व मानवता के कल्याण की सुरक्षा से ओत-प्रोत है। उन्होंने कहा कि सभ्यताओं और संस्कृतियों के संघर्ष के औजार मात्र अस्त्र-शस्त्र ही नहीं, बल्कि विचारधाराएं भी हैं। जो देश व समाज अपनी मूल विचारधारा को छोड़ देते हैं, उनकी पहचान मिट जाती है और जो आदर्शाें, मूल्यों और सांस्कृतिक विचार प्रवाह को साथ लेकर चलते हैं, उनका अस्तित्व बना रहता है।

मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पांचजन्य साप्ताहिक पत्र के लखनऊ ब्यूरो कार्यालय के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पांचजन्य ने सदैव प्रेरक आदर्शाें और राष्ट्रीय लक्ष्यों का ध्यान रखते हुए समाज को नई दिशा दी है। इस पत्र का सफर ध्येय समर्पित और आदर्शवादी पत्रकारिता के संघर्ष की यशोगाथा है। यह साप्ताहिक पत्र भारत की मूल विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता रहा है और विषम परिस्थितियों में भी इसने अपनी अजेय यात्रा को जारी रखा है। भारत की राष्ट्रीयता को नई पहचान देने में पांचजन्य व आॅर्गनाइज़र ने अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया है। समय के साथ बदलती तकनीक से जुड़ते हुए आधुनिक परिवेश और मूल सांस्कृतिक विचारधारा का सुन्दर समन्वय किया है।
योगी ने कहा कि जब कभी भी समाज और राष्ट्र की मूल संस्कृति पर खतरा उत्पन्न हुआ है, तो पांचजन्य व आॅर्गनाइज़र पूरी मजबूती के साथ देश व समाज हित में खड़ा रहा है। भारत के मूल सांस्कृतिक प्रवाह को बनाये रखते हुए इसके संघर्ष की यात्रा अभिनन्दनीय और अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि आज वह ऐतिहासिक क्षण है, जब लखनऊ से प्रारम्भ हुई लगभग 70 वर्षाें की यात्रा आज पुनः लखनऊ ब्यूरो कार्यालय के शुभारम्भ अवसर के रूप में हम सबके सामने है।