नई दिल्ली: फर्जी स्टैंप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी की गुरुवार को मौत हो गई। वह कर्नाटक में बेंगलुरू के एक अस्पताल में भर्ती था। वहां उसकी हालत गंभीर चल रही थी, जिसके बाद उसे आईसीयू वॉर्ड में रखा गया था। मौत के पीछे का कारण उसके कई अंगों का काम करना बताया जा रहा है। तेलगी को नवंबर 2001 में राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार किया गया था। वह तकरीबन 20 सालों से डायबिटीज और उच्च रक्तचाप से पीड़ित था। बीते हफ्ते उसे यहां विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इतना ही नहीं, उसका एचआईवी/एड्स का भी इलाज चल रहा था। फर्जी स्टैंप पेपर का खेल कर तेलगी ने करोड़ों रुपए पैदा किए। बड़े स्तर पर उसने फर्जी स्टैंप पेपर छापे और उन्हें बीमा कंपनियों, बैंकों और शेयर की दलाली करने वाली कंपनियों को बेचा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलगी ने तकरीबन 10 अरब रुपए का घोटाला किया था। तब उसके साथ कई नेताओं के नाम भी जोड़े गए थे। घोटाले में दोषी पाए जाने उसे 30 साल की सजा सुनाई गई थी। तेलगी पर 202 करोड़ रुपए का जुर्माना था। तेलगी का जन्म कर्नाटक के खानपुर में हुआ था और उनके घर वाले भारतीय रेलवे में काम करते थे। पिता के गुजरने के बाद तेलगी के कंधों पर घर की जिम्मेदारी आ गई थी, जिसके बाद वह ट्रेनों में खाने-पीने का सामान बेचा करते थे। हालांकि, बाद में वह सऊदी अरब पहुंच गया था। वहां से लौट कर आने के बाद उसने फर्जी पासपोर्ट बनाने का धंधा शुरू किया। तेलगी ने इसी के बाद फर्जी स्टैंप और स्टैंप पेपर का धंधा शुरू किया था।