लखनऊ: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मांग की है कि दिल्ली के कई एकड़ में फैले हुमायूं के मकबरे की जमीन को दिल्ली के मुसलमानों के कब्रिस्तान के लिए दी जाए, क्योंकि उनके पास दफनाने को जमीन नहीं बची है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में मुगलों को लुटेरा बताया और कहा है कि मुगलों ने भारत में 3,000 मंदिरों को ध्वस्त किया। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में वक्फ बोर्ड ने कहा है, “35 एकड़ में फैला हुमायूं का मकबरा कब्रिस्तान के काम आ सकता है, क्योंकि हुमायूं न तो इस्लामिक प्रचारक था और न ही कोई धर्मगुरु, बल्कि उसने हिंदुस्तान को लूटा था। ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड चाहता है कि दिल्ली में मुसलमानों को कब्रिस्तान के लिए हो रही किल्लत को देखते हुए हुमायूं के मकबरे की जगह मुसलमानों के लिए कब्रिस्तान बनाया जाए। जैसा कि इतिहासकार कहते हैं कि मुगलों द्वारा एक धर्म विशेष के लगभग 3,000 मंदिरों को अपनी ताकत का नाजायद फायदा उठाते हुए ध्वस्त कराया।”

शिया वक्फ बोर्ड का ये भी कहना है कि मुगल बादशाह इस्लाम धर्म के प्रचारक नहीं थे और न ही भारत के लिए अच्छे बादशाह थे, इसलिए हिंदुस्तान में बने उनके अनेक भव्य मकबरे राष्ट्र की धरोहर नहीं हो सकते। आपको बता दें कि अभी पिछले कुछ दिनों से आगरा स्थित ताजमहल भी विवादों छाया हुआ है।