नेताओं-अधिकारियों को बचाने वाले बिल को बताया काला क़ानून

नई दिल्ली: राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी कांग्रेस के साथ-साथ उनकी ही पार्टी के दो विधायकों ने भी हल्ला बोला है। बीजेपी के इन दोनों विधायकों ने विधानसभा में पेश अपराध दंड संहिता (राजस्थान संशोधन) बिल का विरोध करते हुए उसे काला कानून करार दिया है। विरोध करने वालों में पार्टी के सीनियर लीडर और वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके घनश्याम तिवाड़ी के अलावा नरपत सिंह रजवी हैं। इन दोनों विधायकों ने मीडिया से बातचीत में नए प्रस्तावित कानून को असंवैधानिक करार दिया है। इन नेताओं ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल और इस बिल की तुलना आपातकाल से की है।

तिवाड़ी ने कहा कि यह बिल मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों और कुछ मंत्रियों को बचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके सचिवों ने करप्शन किया है। इससे बचने के लिए पहले अध्यादेश फिर बिल लाया गया है। न्यूज 18 से बातचीत में सांगानेर से विधायक तिवाड़ी ने कहा कि यह काला कानून है जो इमरजेंसी की याद कराता है। उन्होंने कहा कि वो सदन के अंदर से लेकर बाहर तक इसकी खिलाफत करते रहेंगे।