नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित बिलकिस बानो रेप केस मामले में गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि उसने दोषी पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्यवाई की| सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सरकार से जल्द से जल्द हलफ़नामा दाखिल कर जवाब माँगा है| बिलकिस बानो ने शीर्ष अदालत में अर्जी डाली थी कि जिस चार पुलिसवालों और दो डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने दोषी माना था, उनको गुजरात सरकार ने काम पर रख लिया है| इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि केस में सज़ायाफ्ता लोग कैसे काम कर सकते हैं|
बीते 4 मई 2017 बंबई हाईकोर्ट ने बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 12 लोगों को दोषी मानते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी| साथ ही इसमें शामिल 4 पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों समेत 6 लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 218 और धारा के तहत दोषी पाया गया| 3 मार्च, 2002 को गुजरात में गोधरा दंगों के बाद 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर अहमदाबाद के रंधिकपुर में हमला किया था। जिसमे 8 लोगों की बेरहमी के साथ हत्या कर दी गई थी। उस समय बिलकिस बानो मात्र 19 साल की थी और 5 माह की गर्भवती थी। उनके साथ गैंगरेप किया गया था।
इस मामले में 21 जनवरी, 2008 को मुंबई की कोर्ट ने 11 लोगों को हत्या और गैंगरेप का आरोपी माना था। इसके बाद ट्रायल कोर्ट की ओर से सभी को उम्रकैद की सजा दी गई थी। इस फैसले के खिलाफ सभी आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनवाने के लिए 2011 में सीबीआई इस केस को लेकर हाईकोर्ट गई थी।
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