लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उस बयान पर कड़ा एतराज जताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी धर्म की अफीम साथ लेकर चलती है।

प्रदेश अध्यक्ष डा0 पाण्डेय ने सोमवार को कहा कि अखिलेश यादव को धर्म के मायने का पता ही नहीं है। यदि उन्हें रंचमात्र भी धर्म के मायने का पता होता तो उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में राजधर्म का पालन अवश्य करते। तथा जनता कुशासन से त्रस्त न रहती, अपराधियों का संरक्षण न होता, प्रदेश भर में अवैध कब्जे न होते, किसान आत्महत्या न करता, गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्र्तगत आवास प्राप्त हुए होते और प्रदेश की जनता खुशहाल होती।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रधर्म पाल न करने वाले लोग यदि भारतीय जनता पार्टी की पवित्र राजनीति को धर्म की अफीम साथ लेकर चलने की बात करते हैं तो ऐसे लोगो का जनता मखौल उड़ाती है। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास करने वाली है। केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार समाज के सभी वर्गों सभी क्षेत्रों का पूर्णता विकास करने में जुटी हुई है। हमारी सरकारें सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति की भी चिंता करती है। सबका विकास करना और सबको साथ लेकर चलने वाली राजनीति ही भाजपा का धर्म है।

डा0 पाण्डेय ने कहा कि मैं श्री यादव से पूछना चाहता हूं कि उनका क्या धर्म है? क्या सरकार में रहते मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करना, पिता को अपमानित करना, उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता को जिसने उन्हें सत्ता पर बिठाया, उसे दिग्भ्रमित करना, अपराधियों को संरक्षण देना, अवैध खनन करने वालों को बगल में बैठाना ही राजनीति है? अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए कि क्या स्वच्छ राजनिति करने के यही मानक हैं ?

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि योगी सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करने के बजाए हिन्दुस्तान की संस्कृति-सभ्यता के प्रतीक धर्मस्थलों पर जाने का काम कर रही है उसे विकसित करने का कार्य कर रही है यही अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को हजम नहीं हो रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि सपा की इसी प्रकार की राजनीति के चलते उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल किया है और यदि वह अभी भी यही करते रहे तो उत्तर प्रदेश की राजनीति से सपा का एकदम सफाया हो जाएगा।